सिकन्दरपुर (बलिया) स्थानीय तहसील क्षेत्र में दर्जनों नर्सिंग होम मानक के विपरीत संचालित हो रहे हैं। गौरतलब है कि सिकन्दरपुर नगर पंचायत के अन्दर छोटे बड़े दर्जनों मैटरनिटी सेंटर एवं नर्सिंग होम संचालित हो रहे है। जहां अप्रशिक्षित स्टाफों की लापरवाही से मरीजों के जान पर बन आती है। इन नर्सिंग होम संचालकों ने मोटी रकम दे कर कुछ दलाल पाल रखें है जिनके झांसे में आकर क्षेत्र के गरीब मरीज इनके चकाचौंध में आकर कर्ज लेकर इलाज करवाते हैं एवं कभी कभार उनके मरीजो के जान पर बन आती है एवं जान गवानी पड़ती है।
ज्ञात हो कि इनमें से कईयों के तो रजिस्ट्रेशन नही है एवं जिनके है उनके पास डिग्री किसी और कि डॉक्टर कोई और बैठता है। लोगों का कहना है कि इन अस्पतालों में सर्जन नहीं रहते तथा बिना सर्जन के कोई अस्पताल ऑपरेशन नहीं कर सकता। जो मरीज इनके झांसे में फस जाता है इन अस्पतालों के संचालक इनसे मोटी रकम ऐंठते है तथा मामला बिगड़ जाने में मरीजों को आनन फानन में रेफर कर अपना पल्ला झाड़ लेते है। इनके लापरवाही का आलम यह है कि विगत एक साल के अंदर एक मैटरनिटी सेंटर पर 2 महिलाओं को अपनी जान गवानी पड़ी।जब इनके परिजन आवाज उठाते है तो स्वास्थ विभाग के आला अधिकारी खानापूर्ति कर छोड़ देते है जिससे इनका मनोबल और बढ़ जाता है। कुछ का तो यह हाल है कि जब मरीज इनसे अपनी बात कहता है तो इनके दलाल उस से उलझ हाथापाई पर उतर आते हैं।
अभिषेक तिवारी की रिपोर्ट-
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