देश ने भुला दिया है ब्राह्मणों का बलिदान : अनुपम मिश्रा
बलिया। यदि मंगल पांडे नहीं होते तो गांधी, आंबेडकर, नेहरू, आज़ाद और भगत सिंह भी न होते। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने सोमवार को बलिया में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह बात कही। उन्होंने तीखे स्वर में कहा कि यदि मंगल पांडे ब्राह्मण न होते तो उनके साथ इतना अन्याय नहीं होता।
श्री मिश्रा ने कहा कि बलिया, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में सबसे पहले आज़ादी का शंखनाद किया, उसी धरती पर जन्मे अमर शहीद मंगल पांडे ने 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल फूंका और ब्रिटिश साम्राज्य, जिसके बारे में कहा जाता था कि 'वहाँ कभी सूर्यास्त नहीं होता', के खिलाफ पहली गोली दागी। "यह गोली भारतीय स्वतंत्रता की पहली चिंगारी थी," उन्होंने जोड़ा।
नगवा गाँव की उपेक्षा पर गहरी चिंता
अपने दो दिवसीय बलिया प्रवास के दौरान अनुपम मिश्रा नगवा गाँव पहुँचे। यहाँ उन्होंने अमर शहीद मंगल पांडे की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके परिवारजनों से भेंट की तथा गाँव की दुर्दशा, उपेक्षा और बदहाल स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "1947 से लेकर आज 2025 तक कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन शहीद की भूमि को उसका गौरव लौटाने के सिर्फ़ वादे ही हुए, ठोस कार्य नहीं।"
श्री मिश्रा ने केंद्र और प्रदेश सरकार से रखीं ये 5 प्रमुख माँगें :-
1️⃣ बलिया में मंगल पांडे की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा की स्थापना।
2️⃣ मंगल पांडे को 'भारत रत्न' से सम्मानित किया जाए।
3️⃣ संसद भवन में उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित की जाए।
4️⃣ बलिया को विशेष जनपद का दर्जा दिया जाए।
5️⃣ मंगल पांडे के गाँव नगवा को प्रेरणास्थल एवं शोध संस्थान के रूप में विकसित किया जाए।
यह उपेक्षा आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौर में भी
श्री मिश्रा ने कहा कि यदि मंगल पांडे ब्राह्मण न होते तो शायद उनके गाँव और योगदान के साथ ऐसी उपेक्षा नहीं होती। "जब हम 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' मना रहे हैं, ऐसे में इस महानायक के साथ ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है," उन्होंने कहा।
सरकार को देंगे ज्ञापन, चलायेंगे जन आंदोलन
उन्होंने बताया कि लखनऊ लौटकर वे सर्वप्रथम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात का समय लेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी माँगों एवं नगवा गाँव की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएंगे। मुझे विश्वास है कि केंद्र व राज्य सरकार हमारी माँगों पर सकारात्मक निर्णय लेंगी।
पत्रकारों के यह पूछने पर कि यदि वर्तमान सरकारों ने भी पूर्ववर्तियों की तरह अनदेखी की तो वे क्या करेंगे, इस पर श्री मिश्रा ने स्पष्ट कहा फिर हम प्रदेशव्यापी जन आंदोलन चलाएँगे, जन समर्थन जुटाएँगे और जब तक हमारी माँगें पूरी नहीं होतीं, संघर्ष जारी रहेगा।
कई गणमान्य रहे उपस्थित
इस अवसर पर प्रोफेशनल मंच के राष्ट्रीय सचिव श्री श्रीश चंद्र श्रीवास्तव, वरिष्ठ नेता विजय श्रीवास्तव, शरद वार्ष्णेय, मनीष मिश्रा, शालिनी सिंह, विकास सिंह, सागर श्रीवास्तव तथा बलिया से स्वप्निल श्रीवास्तव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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