विश्व महासागर दिवस : जीवन का आधार, संरक्षण की पुकार


विश्व महासागर दिवस पर विशेष लेख :-

"हमारे महासागर, हमारा भविष्य"

हर वर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस (World Oceans Day) मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य महासागरों के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनकी रक्षा के लिए वैश्विक प्रयासों को प्रेरित करना है। महासागर न केवल पृथ्वी की सुंदरता को बढ़ाते हैं, बल्कि जीवन के लिए भी अनिवार्य हैं। वे हमारे वातावरण को संतुलित रखते हैं, भोजन प्रदान करते हैं और अरबों लोगों के आजीविका का साधन हैं।

महासागरों का महत्व :

🌊 जीवन का आधार – पृथ्वी पर उत्पन्न प्रत्येक दो साँसों में से एक के लिए महासागर जिम्मेदार हैं, क्योंकि महासागर में मौजूद प्लवक (फाइटोप्लैंकटन) विशाल मात्रा में ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं।

🌊 जलवायु नियंत्रण – महासागर पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करते हैं और जलवायु चक्र को संतुलित बनाए रखते हैं।

🌊 जैव विविधता का घर – महासागर असंख्य प्रजातियों का घर हैं, जिनमें से कई आज भी खोजी नहीं गई हैं।

🌊 आर्थिक योगदान – मछली पकड़ना, पर्यटन, परिवहन जैसी गतिविधियाँ वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाती हैं।

आज की चुनौतियाँ :

👉 प्लास्टिक प्रदूषण – हर वर्ष करोड़ों टन प्लास्टिक महासागरों में पहुँचता है, जिससे समुद्री जीवन संकट में है।

👉 अत्यधिक मछली पकड़ना – अनियंत्रित मछली पकड़ने से समुद्री जैवविविधता खतरे में पड़ रही है।

👉 जलवायु परिवर्तन – बढ़ता तापमान और समुद्र में अम्लीकरण से प्रवाल भित्तियाँ (कोरल रीफ्स) और अन्य समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहे हैं।

👉 तेल रिसाव और रासायनिक कचरा भी महासागरों को नुकसान पहुँचा रहे हैं।

हम क्या कर सकते हैं?

🌱 प्लास्टिक का उपयोग कम करें

🌱 सागरीय संसाधनों का सतत दोहन करें

🌱 साफ-सफाई अभियानों में भाग लें

🌱 समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाएँ

🌱 नीति निर्माताओं से समुद्र संरक्षण के लिए मजबूत कानून बनाने की माँग करें

निष्कर्ष : महासागर हमारे ग्रह की जीवनरेखा हैं। यदि हम आज अपने महासागरों को नहीं बचाएँगे, तो आने वाली पीढ़ियाँ इसका खामियाजा भुगतेंगी। विश्व महासागर दिवस हमें यह याद दिलाता है कि महासागरों का संरक्षण सिर्फ सरकारों का नहीं, हम सभी का दायित्व है। आइए, मिलकर प्रयास करें कि यह नीला खजाना सदा के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और समृद्ध बना रहे।

"नीला महासागर, सुनहरा भविष्य!"







पंडित विजेंद्र शर्मा ✍️ 

जीरा बस्ती, बलिया (उ.प्र.)


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