कर्तव्यनिष्ठ डॉक्टर की संदिग्ध मौत पर सियासत गरम, समाजवादी पार्टी ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग


बलिया। बलिया जनपद के स्वास्थ्य विभाग को एक गहरा आघात लगा, जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बांसडीह के अधीक्षक डॉ. वेंकटेश मौआर (45) का दुखद निधन हो गया। यह घटना न सिर्फ जनपद की खोखली स्वास्थ्य व्यवस्था को उजागर करती है, बल्कि शासन-प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. मौआर एक कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार चिकित्सक थे, जिनकी छवि कभी किसी विवाद में नहीं रही। वे बांसडीह सीएचसी के साथ-साथ मनियर सीएचसी का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे थे और अपने कार्यकाल में जनपद के कई अस्पतालों में सराहनीय सेवाएं दी थीं।

उन्होंने कहा कि डॉ. मौआर की मौत गहरी साजिश की ओर संकेत करती है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जानी आवश्यक है। दोषियों पर ऐसी कठोर कार्रवाई होनी चाहिए जो भविष्य के लिए एक मिसाल बने।

रामगोविंद चौधरी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “चिकित्सक को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन आज वही भगवान इस सरकार में सुरक्षित नहीं हैं। स्वास्थ्य महकमा जो लोगों को जीवन देता है, आज खुद भय और दबाव के माहौल में काम करने को मजबूर है। ऐसे में आम जनता को अच्छा स्वास्थ्य मिल पाना कठिन है। डॉ. मौआर को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए, समाजवादी पार्टी उनके परिवार के साथ खड़ी है।”

इस बीच समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष व प्रवक्ता सुशील कुमार पाण्डेय "कान्हजी" ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि मृतक डॉक्टर के परिवार को सम्मानजनक सरकारी नौकरी और समुचित मुआवजा दिया जाए।

नेताओं ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और बलिया की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करें।




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