यूपी रोडवेज ने मनाया 53वां स्थापना दिवस, 406 कर्मचारियों को किया गया सम्मानित


लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने आज अपना 53वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस खास मौके पर उन्होंने निगम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 406 कर्मचारियों, अधिकारियों और ड्राइवर-कंडक्टर्स को सम्मानित किया।


सम्मानित होने वालों में वो परिवारजन भी शामिल थे, जिन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की। सेवानिवृत्त GM अजीत सिंह को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाज़ा गया।


मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा—”15 मई 1947 को लखनऊ से बाराबंकी के बीच पहली बस सेवा शुरू की गई थी, जिसका उद्घाटन खुद पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने किया था। आज रोडवेज प्रदेश की जनता को बेहतर, सस्ती और सुरक्षित यात्रा सुविधा देने में अग्रणी है।”


कुछ बड़ी घोषणाएं जो परिवहन मंत्री ने की :

इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार : 2027 तक 25,000 बसों का लक्ष्य, गांवों तक इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना।


नई नियुक्तियां : मृतक आश्रितों के लिए 1165 नौकरियों की प्रक्रिया शुरू, साथ ही A.R.M. समेत कई पदों पर भर्तियों के लिए आयोग को प्रस्ताव भेजा गया।


बेड़े में इजाफा : पहले जहां 10 हजार से कम बसें थीं, अब संख्या 13,000 पार।


पीपीपी मॉडल से विकास : नए बस अड्डों और डिपो का निर्माण PPP मॉडल पर किया जाएगा, लेकिन निजीकरण नहीं होगा।


गांव-कनेक्ट योजना : छोटे रूटों के लिए 25-32 सीटर मिनी बसें जोड़ने की योजना ताकि ड्राइवर-कंडक्टर अपने गांव लौट सकें।


तकनीकी अपडेट भी शामिल

प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि निगम ने 90% बसों में VLT डिवाइस लगा दिए हैं। पीपीपी मॉडल पर नए बस अड्डों का निर्माण तेज़ी से हो रहा है और तकनीक के ज़रिए सेवाओं को और स्मार्ट बनाया जा रहा है। उन्होंने ये भी याद दिलाया कि कोविड और महाकुंभ जैसे अवसरों पर रोडवेज ने जिस साहस और सेवा भावना के साथ काम किया, वह काबिले-तारीफ है। 


इस मौके पर परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव अमित गुप्ता, अपर प्रबंध निदेशक राम सिंह वर्मा और वित्त नियंत्रक अजय जौहरी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।





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