यूपी : डीजीपी का पद संभालते ही एक्शन मोड में राजीव कृष्ण, पुलिस अधिकारियों को दिए ये 10 निर्देश


डीजीपी राजीव कृष्ण ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिए 10 मुख्य पॉइंट पर निर्देश दिए हैं। थाना प्रभारियों की पोस्टिंग में मेरिट को ध्यान में रखने की बात कही है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने पदभार ग्रहण करते ही अपने इरादे साफ कर दिए हैं। कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर राजीव कृष्ण ने जरूरी दिशा निर्देश दे दिए हैं। डीजीपी राजीव कृष्ण ने शुक्रवार को प्रदेश भर के पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर 10 प्रमुख प्राथमिकताओं के तहत दिशा-निर्देश दिए हैं। बैठक के दौरान राजीव कृष्ण ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी प्राथमिकता प्रोफेशनल पुलिसिंग, जनता में विश्वास और अपराध पर जीरो टॉलरेंस होगी।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बैठक के दौरान बताया कि पिछले 8 सालों में सीएम योगी की मजबूत इच्छाशक्ति से यूपी ने देश और दुनिया में कानून-व्यवस्था का एक नया मानक स्थापित किया है। अब इसे और आगे ले जाने की जरूरत है। साथ ही कहा कि थाना प्रभारियों की पोस्टिंग सिर्फ मेरिट के आधार पर होनी चाहिए। डीजीपी को सीएम योगी आदित्यनाथ का पसंदीदा माना जा रहा है। ऐसे में सरकार की कानून व्यवस्था के मसले पर जीरो टॉलरेंस की नीति को बढ़ाने में इनका जोर दिख रहा है।

पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश :-

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बैठक में कहा कि पुलिसिंग जनता और फोर्स के बीच में एक विश्वास के रूप में कायम रहती है और हमें एक प्रोफेशनल दृष्टिकोण अपनाते हुए इंटरनेशनल बेस्ट प्रेक्टिसेस का अपनी कार्यशैली में समावेश करना। उन्होंने कहा कि दृढ इच्छाशक्ति के बहुत दूरगामी परिणाम प्राप्त होते हैं और उनसे एक व्यापक परिवर्तन लाया जा सकता है। दृढ इच्छाशक्ति से आधी लड़ाई अपने आप जीती जा सकती है।

डीजीपी ने कहा कि सभी अधिकारियों को अपने अंदर एक मजबूत इच्छाशक्ति विकसित कर आत्ममंथन करना होगा एक लीडर के रूप में हमें अपने पुलिस फोर्स की विशेषताओं ओर योग्यताओं का असेसमेंट करना होगा।संवादहीनता को खत्म करना होगा और हमें अपने दृष्टिकोण में व्यापक परिवर्तन लाना होगा।

ये हैं डीजीपी राजीव कृष्ण के 10 प्रमुख निर्देश :-

1. अपराध पर जीरो टॉलरेंस : बैठक में डीजीपी राजीव कृष्ण ने अपराध पर जीरो टॉलरेंस को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने कहा कि अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस केवल नारा नहीं है, बल्कि एक सोच और कार्यशैली होनी चाहिए। ज़िलों में टॉप-10 अपराधियों की पहचान और उन पर सख्त कार्यवाही अधिकारियों को स्वयं करनी होगी। इसमें तकनीक का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि हमे अपने Approach, Attitude और Conviction को बदलना होगा। किसी भी प्रकार की विसंगति को खत्म करना होगा। अधिकारियों से अपील की कि उन्हें पुलिसिंग में अधिकारियों का ‘heart and soul’ चाहिए।

2. महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता : राजीव कृष्ण ने कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाए रखना आवश्यक है। छेड़खानी जैसे मामलों को भी गंभीरता से लेने का निर्देश। आगरा ज़ोन में चलाए गए ऑपरेशन पहचान का उदाहरण देते हुए कहा गया कि डेटा एनालिसिस और सॉफ्टवेयर की मदद से दुर्व्यवहार करने वालों की पहचान कर सख्ती दिखाई जाए। पिछले 8 सालों में महिलाओं के अंदर एक सुरक्षा का वातावरण पूरे प्रदेश में उत्पन्न हुआ है।

डीजीपी ने कहा कि आज के समय में महिलाएं रात में भी कहीं भी आ-जा सकती हैं। अब हमें इस स्थिति में और व्यापक सुधार कर महिला सुरक्षा के वातावरण को अधिक बेहतर करने की आवश्यकता है। महिला सुरक्षा के लिए भी हमें Broken Window Theory को लागू करने की जरूरत है। मुख्यालय स्तर से एक एसओपी जल्द ही जारी की जाएगी।

3. जन शिकायतों का त्वरित निस्तारण : डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि अब आम जनता को शिकायत लेकर मुख्यालय आने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। अधिकारी शिकायतों का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। जल्द ही इस पर एसओपी जारी की जाएगी।

4. कानून व्यवस्था और बंदोबस्त : बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था के लिए Micro-Level Planning, Foresight और Leadership जरूरी है। छोटी से छोटी सूचना को गंभीरता से लेने और टीम को नेतृत्व देने की बात कही है।

5. साइबर क्राइम पर कड़ा एक्शन : डीजीपी ने बताया कि कोविड के बाद से साइबर क्राइम की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। पिछले 4-5 सालों में पुलिस ने साइबर क्राइम से लड़ने के लिए एक प्रदेश व्यापी ढांचा खड़ा किया है। डीजीपी का लक्ष्य है कि एक साल में उत्तर प्रदेश साइबर क्राइम नियंत्रण में देश का नंबर-1 राज्य बने। इसके लिए पुलिस बल को प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए है। साइबर क्राइम के विरुद्ध लड़ाई को पुलिसिंग का अभिन्न अंग बनाना होगा।

6. बेहतर पुलिस सेवाएं : 'UPCOP App' को प्रभावी बनाएं: राजीव कृष्ण ने निर्देश देते हुए कहा कि जनता को मोबाइल ऐप के जरिए मिलने वाली सेवाओं की समीक्षा की जाए। सुझाव मांगे गए हैं कि ऐप में और क्या सेवाएं जोड़ी जा सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर की Best Practices को भी शामिल किया जाए।

7. पुलिस कल्याण सर्वोपरि : बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए राजीव कृष्ण ने यह भी कहा कि हर पुलिसकर्मी को यह भरोसा होना चाहिए कि पुलिस विभाग हर हाल में उसके साथ खड़ा है। कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोन और रेंज स्तर पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिया।

8. टैलेंट और दक्षता की पहचान : डीजीपी ने कहा कि हाल ही में चयनित 60,000 से अधिक आरक्षियों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनका बौद्धिक स्तर राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं जितना है। इनकी प्रतिभा को पहचानने और सही जगह लगाने की जरूरत है।

9. AI और टेक्नोलॉजी का समावेश : उत्तर प्रदेश पुलिस को AI आधारित पुलिसिंग में देश का पहला राज्य बनाने की दिशा में काम शुरू होगा। तकनीक में दक्ष पुलिस अधिकारियों की पहचान की जाएगी।

10. गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण : प्रशिक्षण डीजीपी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सेवा काल में निरंतर प्रशिक्षण से ही पुलिस की दक्षता और नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है।

मेरिट के आधार पर तैनाती :-

वहीं बैठक के दौरान एडीजी एलओ अमिताभ यश समेत सभी जोन, रेंज, आयुक्तालय और जिला स्तर के अधिकारी मौजूद रहे हैं। बैठक में राजीव कृष्ण ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि थाना प्रभारियों की तैनाती केवल मेरिट के आधार पर होनी चाहिए। साथ ही आह्वान किया कि पुलिस अधिकारियों को एक अच्छी कार्य संस्कृति और पारदर्शी प्रशासन विकसित करना चाहिए। इस दौरान डीजीपी ने एक विशेष प्रस्तुति भी दी।

डीजीपी ने इसमें जन शिकायतों के विभिन्न पहलुओं, समाधान के प्रभावी तरीकों और पुलिसकर्मियों के व्यवहार में सुधार की आवश्यकता के बारे में बताया है। साथ ही, डीजीपी ने कहा कि शिकायतकर्ता के साथ अच्छा व्यवहार ही जनता के बीच भरोसा कायम कर सकता है।

साभार - नवभारत टाइम्स 




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