बलिया : पत्रकारिता बनती है पीड़ितों की आखिरी उम्मीद : पुन्ना सिंह



हिंदी पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन

दुबहर। पत्रकारिता आम जनमानस को न्याय दिलाने का सबसे प्रभावी माध्यम बन चुकी है। जब व्यक्ति सभी दरवाज़ों से निराश हो जाता है, तब पत्रकारिता की ओर उसकी अंतिम उम्मीद बचती है। और यही उम्मीद उसे अंततः न्याय तक पहुंचाती है। यह विचार दुबहर ब्लॉक के प्रमुख प्रतिनिधि देवनारायण सिंह 'पुन्ना' ने शुक्रवार को मीडिया सेंटर अखार में आयोजित हिंदी पत्रकारिता दिवस की संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।


कार्यक्रम के दौरान जिले के कई समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े पत्रकारों को माल्यार्पण एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रगतिशील ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष शशिकांत मिश्रा ने कहा कि आज के समय में निष्पक्ष पत्रकारिता अनेक चुनौतियों से जूझ रही है, लेकिन इसके बावजूद पत्रकार अपनी लेखनी से लाखों लोगों को न्याय दिलाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों को सच्चा समाजसेवी बताया।


इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलानंद तिवारी, जिला महामंत्री शशिकांत ओझा, नितेश पाठक, शिक्षक गणेश जी सिंह सहित कई वक्ताओं ने पत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डाला।


सम्मानित अतिथियों और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शामिल रहे : जितेंद्र उपाध्याय, अजीत ओझा, सुनील दुबे, राजीव शंकर चतुर्वेदी, अतीश उपाध्याय, धनंजय तिवारी, केडी सिंह, कुलदीप दुबे एडवोकेट, अजय पांडेय, संतोष तिवारी, नफीस अख्तर (पूर्व प्रधान), नागेंद्र तिवारी, रमेशचंद्र गुप्ता, त्रयंबक पांडेय 'गांधी', अख्तर अली, सूर्यप्रताप यादव, चिरंतन गुप्ता, बच्चन जी प्रसाद, शंकर प्रसाद चौरसिया, मोहम्मद वसीम, पन्नालाल गुप्ता, पवन गुप्ता, रामजी गिरी, हरेराम सिंह, संजय जायसवाल और थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार।




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