बलिया : फाइलेरिया के प्रति 285 बच्चों को किया गया जागरूक

 


फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यों ने स्कूल के बच्चों को किया जागरूक

बलिया, 20 दिसंबर 2022। जिले में फाइलेरिया से बचाव और इसमें सामुदायिक सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए विभागीय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। विभाग के प्रयास को अब समुदाय के आम लोगों का भी साथ मिल रहा है। गांव स्तर पर फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य सभी को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। 

इसी कड़ी में मंगलवार को बेरूआरबारी ब्लॉक के राजपुर ग्रामसभा के अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय राजपुर में उपस्थित 285 बच्चों (140 बालक और 145 बालिकाएं) को फाइलेरिया बीमारी से बचाव एवं साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया गया। फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य रामलाल ने छात्र-छात्राओं और शिक्षक-शिक्षकाओं के साथ अपने अनुभव साझा कियेI उन्होंने दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने अपील किया कि सभी लोग सालाना एक बार फाइलेरिया की दवा का सेवन जरुर करें। 


उन्होंने कहा कि सिर्फ दो साल से कम के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को छोड़ कर सभी को फाइलेरिया से बचाने के लिये दवा का सेवन करना चाहिये। नेटवर्क सदस्य राजेन्द्र ने बताया कि  फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है। मच्छर गंदगी में पैदा होते हैं। इसलिए इस रोग से बचना है, तो आस-पास सफाई रखना जरूरी है। दूषित पानी, कूड़ा जमा ना होने दें, जमे पानी पर कैरोसीन तेल छिड़क कर मच्छरों को पनपने से रोकें, सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें। 

जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव का कहना है कि आम तौर पर शुरुआती दिनों में फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। लेकिन पसीना, सिर दर्द, हल्की ठंड के साथ बुखार का आना, उल्टी आदि के साथ बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसील (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया न सिर्फ व्यक्ति को विकलांग बना देती है बल्कि इससे मरीज की मानसिक और सामाजिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

इस मौक़े पर प्रधानाध्यापक चन्दन कुमार सिंह एवं  अध्यापक सीमा देवी, संध्या सिंह, निशा मिश्रा, ज्योति वर्मा, संजय कुमार सिंह सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।



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