रुद्राक्ष को धरती पर भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों में इसकी अहमियत के बारे में बताया गया है. लेकिन इसे धारण करने के भी नियम हैं, जिन्हें अगर फॉलो न किया जाए तो आपका बुरा वक्त शुरू हो सकता है. कई ज्योतिषी कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए रुद्राक्ष धारण करने की सलाह देते हैं. रुद्राक्ष पहनने से शख्स का अध्यात्म की ओर ध्यान जाता है और मन भी शांत रहता है. इस वजह से शख्स सही दिशा में बढ़ता है और फैसला भी सही लेता है.
क्या हैं धारण करने के नियम
रुद्राक्ष धारण करने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं. जो भी इन नियमों को तोड़ता है, उसे भगवान शिव के क्रोध का सामना करना पड़ता है और अन्य लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है.
अगर आप धूम्रपान और मांसाहार का सेवन करते हैं तो रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है और आपको भविष्य में कष्ट का सामना करना पड़ता है. इसलिए ऐसे लोगों को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए.
सोते वक्त नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष
सोते वक्त रुद्राक्ष को उतार कर तकिए के नीचे रख लें. जिन्हें बुरे सपने आते हैं या फिर मन अशांत रहता है, उनको इससे राहत मिलती है. जिन्हें सोने में परेशानी होती है, उनको इससे फायदा मिलता है.
इस स्थिति में उतार दें रुद्राक्ष
अगर किसी की अंत्येष्टि में जा रहे हैं तो पहले ही रुद्राक्ष उतार कर रख दें. ऐसी जगहों पर पहनने से यह अशुद्ध हो जाता है और जीवन में नेगेटिविटी आने लगती है.
कब नहीं पहनना चाहिए?
किसी अन्य शख्स का रुद्राक्ष कभी नहीं पहनना चाहिए, ना ही किसी अन्य को पहनने के लिए देना चाहिए. कभी भी इसे गंदे हाथों से छूना नहीं चाहिए. शौच और नित्य क्रिया के वक्त रुद्राक्ष को शरीर से अलग कर देना चाहिए.
ज्योतिषी से सलाह जरूर लें
किसी के कहने पर रुद्राक्ष धारण न करें. पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह जरूर लें. वो इसलिए क्योंकि राशि और ग्रहों के मुताबिक माला अलग-अलग होती है. जैसे मीन, धनु और मेष लग्न के जातकों के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष बेहद उपयोगी माना जाता है. बिना सिद्ध किए या असली रुद्राक्ष की जांच किए माला धारण नहीं करनी चाहिए.
Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.
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