चाणक्य नीति : मुसीबत के समय में काम आती है ये बातें


चाहे अमीर हो या गरीब, हर व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। कहा जाता है कि जिंदगी में समय कभी एक जैसा नहीं रहता है। बुरा वक्त जहां अपने साथ दुखों का पहाड़ लाता है तो वहीं अच्छा समय अपने साथ खुशियों की बौछार भी लाता है। जो हमें एक नई उम्मीद नए आत्मविश्वास व नए उल्लास से भर देता है। परंतु बात करें बुरे समय की तो कहा जाता है इसका एक एक पल एक-एक सदी के समान भारी लगता है। ऐसे में व्यक्ति समझ नहीं पाता कि उसे क्या करना चाहिए। तो आपको बता दें ऐसे में आचार्य चाणक्य की नीतियां व्यक्ति के बेहद काम आ सकती हैं। जी हां, चाणक्य नीति सूत्र एक ऐसा शास्त्र माना गया है जिसमें मानव जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई है। आज हम आपको इसी में उल्लेखित ऐसी कुछ बातें बताई जा रहे हैं जिन्हें मुसीबत के समय अपनाने से व्यक्ति समस्याओं के जाल में नहीं फंसता और बहुत सरलता से अपनी मुसीबतों से राहत पा लेता है।

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति सूत्र में बाखूबी रूप से इस बात के बारे में बताया है व्यक्ति को किस हालात में कैसा बर्ताव करना व्यक्ति के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। क्योंकि चाणक्य का मानना है कि मुश्किल समय में अगर इंसान अपनी सूझबूझ से काम लेता है तो वह संकट की परिस्थिति से आराम से निकल सकता है। आइए जानते हैं कैसे-

आचार्य चाणक्य के अनुसार सांप जहरीला न भी हो तब भी वो फुफकारना नहीं छोड़ता, ठीक वैसे उसी प्रकार कमजोर व्यक्ति को हर वक्त अपनी कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।

चाणक्य कहते हैं एक सफल इंसान को कभी अपनी कमजोरी किसी से साझा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि बार-बार अपनी कमजोरी का जिक्र करने से दूसरे फायदा उठाते हैं, जिस कारण व्यक्ति मुसीबत से पड़ जाता है।

आगे चाणक्य कहते हैं कि सांप के अंदर से जहर निकाल भी दिया जाए तब भी वो फुफकारना नहीं छोड़ता। उसके इस बर्ताव की वजह से दुश्मन हमला करने से पहले दो बार सोचता है। उसी प्रकार व्यक्ति जब कमजोर हो तब भी उसे अपनी इस हालत का दूसरों के सामने प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। दूसरों के सामने मजबूती से पेश आएंगे तो कोई व्यक्ति आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

जब किसी व्यक्ति को कई परेशानियां एक साथ घेर लेती है तो व्यक्ति दुख के अभाव में अपने दिल की बातें दूसरों से कह देता है, क्योंकि उस वक्त वो खुद से लड़ रहा होता है और अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पाता। जिसका कई बार सामने वाला फायदा उठा लेता है। चाणक्य कहते हैं कि इस परिस्थिति में ध्यान रखना चाहिए कि अपने मन की बात उन्हीं से शेयर करें जो आपका सच्चा मित्र हो। जो हर दुख-सुख में आपका साथ देता हो न की आपकी मजबूरियां का फायदा उठाए। 





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