पितृपक्ष में इंदिरा एकादशी का है विशेष महत्व, इस दिन ये खास काम करने से खत्म हो जाएंगे सारे पाप


पितृ पक्ष में आने वाली इंदिरा एकादशी का व्रत साल की सभी एकादशी में विशेष महत्व रखता है. इंदिरा एकादशी 21 सितंबर 2022 को है. इस दिन कुछ खास काम करने से सारे पाप खत्म हो जाते हैं.

अश्विन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली इंदिरा एकादशी का व्रत पितरों को मोक्ष दिलाता है. साथ ही जातक के जीवन के सारे पाप खत्म हो जाते हैं. पितृ पक्ष की इंदिरा एकादशी व्रत 21 सितंबर 2022 रखा जाएगा और इस व्रत का पारण 22 सितंबर 2022 को सुबह 06.09 - सुबह 8.35 तक किया जाएगा.

धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृ पक्ष में अगर किसी कारणवश पूर्वजों का श्राद्ध न कर पाएं हो तो इंदिरा एकादशी का व्रत जरूर करें. कहते हैं इंदिरा एकादशी का व्रत पूर्वजों का श्राद्ध करने के समान फल देता है. इससे पितरों को जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और वह बेहद प्रसन्न होते हैं.

इंदिरा एकादशी पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए रात्रि में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. साथ ही - ऊँ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ऊँ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि इस मंत्र का 1 माला जाप करें. इससे जातक को पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है.

इंदिरा एकादशी के दिन श्रीहरि की पूजा में तुलसी, पीले फूल और गंगाजल का जरूर उपयोग करें. शाम के वक्त शुद्ध घी का दीपक जालकर ऊँ वासुदेवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें और तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें. इससे घर में सुख और शांति का आगमन होता है.

हिंदू धर्म के सभी व्रतों में एकादशी व्रत का पारण बहुत मायने रखता है. इंदिरा एकादशी व्रत भी शुभ मुहूर्त में तुलसी ग्रहण कर करना चाहिए. कहते हैं इसके बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है. एकादशी पर जिसने व्रत नहीं रखा है वो भी चावल न खाएं. व्रतधारी ब्रह्मचर्य का पालन करें.

साभार- एबीपी न्यूज़






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