पूर्व मध्य रेल : महाप्रबंधक श्री अनुपम शर्मा ने राजभाषा पखवाड़ा का किया शुभारंभ


हाजीपुर: 14.09.2022। महाप्रबंधक श्री अनुपम शर्मा द्वारा आज माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर राजभाषा पखवाड़ा-2022 का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक श्री तरूण प्रकाश सहित आमंत्रित अतिथियों व रेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी माल्यार्पण किया। महाप्रबंधक ने सर्वप्रथम माननीय रेल मंत्री महोदय का हिंदी दिवस संदेश का वाचन किया।


आज से प्रारंभ हुआ राजभाषा पखवाड़ा 29 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान हिंदी कार्यशाला, हिंदी निबंध, अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए प्रष्नोत्तरी प्रतियोगिता, कवि-गोष्ठी एवं टिप्पण व प्रारूप लेखन जैसे प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा पुरस्कार वितरण समारोह सह सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागी व हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।


हिंदी दिवस के इस विशेष अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए महाप्रबंधक श्री अनुपम शर्मा ने कहा कि अपनी भाषा से ही किसी देश, समाज या व्यक्ति का समग्र विकास संभव है। इसमें रेलवे का भी अहम् योगदान है क्योंकि यह पूरे देश को एक सूत्र में बांधती है। ‘क’ क्षेत्र में स्थित होने के कारण हमारा दायित्व है कि हम अपना अधिकांश काम हिंदी में करें। रेल के सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अधिक से अधिक काम राजभाषा में करें। निरीक्षण के समय राजभाषा संबंधी पैरा अवश्य दें तथा पखवाड़ा के दौरान अपना काम राजभाषा में सुचारू रूप से करें। राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के लिए अन्य रेलों से भी अनुभव साझा करें ताकि एक दिन पूर्व मध्य रेल राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के क्षेत्र में प्रथम हो।

इस अवसर पर अपने संबोधन में अपर महाप्रबंधक श्री तरूण प्रकाश ने कहा कि पूर्व मध्य रेल ‘क’ क्षेत्र में स्थित है अतः हम अपना अधिकांश काम हिंदी में करें। हम सब हिंदी भाषी हैं इसलिए हिंदी में काम करने में कोई परेशानी नहीं है। आज कंप्यूटर में हिंदी में काम करना बहुत आसान हो गया है। 

मौके पर राजभाषा विभाग द्वारा प्रकाशित “वैशाली” पत्रिका के नवीन अंक का लोकार्पण महाप्रबंधक ने किया। राजभाषा पखवाड़ा उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण “वर्तमान दौर में हिंदी भाषा के समक्ष चुनौतियाँ” विषय पर विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में अतिथि वक्ता के रूप में श्री संजय पंकज, वरि. साहित्यकार ने अपने विचार व्यक्त किएकिए। 

वरिष्ठ साहित्यकार श्री संजय पंकज ने कहा कि हिंदी का आकाश निरंतर विस्तृत हो रहा है। हिंदी अपने समक्ष तमाम चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते आगे बढ़ रही है। हिंदी आज के केवल साहित्य की भाषा ही नहीं अपितु विज्ञान और तकनीक की भी भाषा है।

                  (वीरेन्द्र कुमार)

                मुख्य जनसंपर्क अधिकारी। 




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