इस साल कब मनाई जाएगी हरतालिका तीज, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व जानें


आइए जानें इस साल कब मनाया जाएगा हरतालिका तीज का त्योहार और किस मुहूर्त में पूजन करना होगा शुभ।   

सनातन धर्म में हर त्योहार का विशेष महत्व बताया गया है। सभी व्रत किसी न किसी देवता को समर्पित होते हैं और सभी देवताओं के लिए व्रत का विशेष फल मिलता है। कई ऐसे व्रत त्योहार हैं जो मुख्य रूप से सुहागिन स्त्रियों के लिए फलदायी माने जाते हैं और इनमें पूजन करने से उनके पति को दीर्घायु मिलती है।

ऐसे ही व्रत में से एक है हरतालिका तीज का पर्व। हिंदुओं में तीन तरह की तीज तिथियां होती हैं जिनमें से पहली तीज हरियाली तीज होती है जिसे सावन में मनाया जाता है और दूसरी तीज कजरी तीज के नाम से जानी जाती है।

इन दोनों तीज तिथियों के अलावा सबसे प्रमुख होती है भादो में पड़ने वाली हरतालिका तीज। इस तीज में शादीशुदा महिलाएं भगवान शिव के साथ माता पार्वती का पूजन करती हैं और पति की लम्बी उम्र के लिए कामना करते हैं। यह व्रत सुहागिन स्त्रियों के साथ ऐसी कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं जो जल्दी ही शादी की इच्छा रखती हैं। आइए अयोध्या के पंडित राधे शरण शास्त्री जी से जानें इस साल कब मनाया जाएगा हरतालिका तीज का त्योहार और इसका क्या महत्व है। 

हरतालिका तीज 2022 की तिथि : 

-इस साल भादो महीने के शुक्ल पक्ष की तीज यानी हरतालिका तीज 30 अगस्त, मंगलवार के दिन मनाई जाएगी।

-हरतालिका तीज तिथि आरंभ- 29 अगस्त, सोमवार शाम 3 बजकर 21 मिनट से   

-हरतालिका तीज तिथि समापन - 30 अगस्त, मंगलवार तारीख को शाम 3 बजकर 34 मिनट पर। 

-उदया तिथि के अनुसार 30 अगस्त को ही हरतालिका तीज मनाना शुभ होगा। 

हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त : 

-हरतालिका तीज सुबह की पूजा 30 अगस्त- प्रातः 9 बजकर 33 मिनट से 11 बजकर 05 मिनट तक करना शुभ होगा। 

-शाम की पूजा के लिए शाम 3 बजकर 49 मिनट से लेकर रात्रि 7 बजकर 23 मिनट तक का समय उत्तम रहेगा। 

-इसके अलावा आप प्रदोष काल में 6 बजकर 34 मिनट से 8 बजकर 50 मिनट पर भी पूजा कर सकती हैं।

हरतालिका तीज का महत्व : 

यह व्रत सुहागिन स्त्रियां पति के अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं और माता पार्वती से सौभाग्य का वरदान प्राप्त करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। हरतालिका तीज व्रतको सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं और कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और माता पार्वती का पूजन करती हैं। इस व्रत में शिव पर्वती का पूजन करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती ने शिव जी का पूजन करके उन्हें पुनः प्राप्त किया था।

हरतालिका तीज पूजा विधि : 

-महिलाएं इस दिन प्रातः जल्दी उठें और स्नानादि करके साफ वस्त्र धारण करें। 

-मिट्टी से भगवान गणेश, शिव जी और माता पार्वती (माता पार्वती के मंत्र)की प्रतिमा बनाएं। 

-भगवान शिव को गंगाजल, दही, दूध, शहद आदि से स्नान कराएं और उन्हें फूल, बेलपत्र, धतूरा-भांग आदि चढ़ाएं। 

-माता पार्वती की भगवान शिव के साथ पूजा करें।

-सुहागिन महिलाएं माता पार्वती को सोलह श्रृंगार चढ़ाएं इससे पूजा का पूर्ण फल मिलेगा।   

-हरतालिका तीज की कथा सुनें व आरती करें। 







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