*मरना है तो मरो वतन के लिए*

 


क्यों मरते हो यारों सनम के लिए !!

ना देगी दुपट्टा कफ़न के लिए !!


मारना है तो मरो “वतन” के लिए  !!

तिरंगा” तो मिले कफन के लिए !!


धरती पुत्रों की जरुरत है !!

भारत देश के शान के लिए !!


देना हैं बलिदान तो देना अपने देश के लिए !!

मत लगने देना दाग किसी अनजान के लिए !!


तुम बैठे हो सरहद पर हमारे लिए !!

हम हरदम ये दुआ करेंगे तुम्हारे लिए !!


हर बहन की दुआ हैं तुम्हारे लिए !!

तुम देश को कभी झुकने ना देना  हमारे लिए !!


सरहद पर बैठे हो तुम !!

इस लिए सुकुन से सोता हैं हर हिन्दुस्तानी !!


गर्मी की धूप और सर्दी ठंढी सब सब झेलते हो !!

धरती माँ और हिन्दुस्तान के लिए !!


वर्दी पर कभी लगने ना देना दाग बुजदिली का !!

भले ही लग जाये दाग तुम्हारे लहु का !!


तिरंगा लहरा के लौटना भाई !!

झुकने ना देना शान अपने देश के लिए !!


जिंदा लौटना तो तिरंगा हाथ में लिए !!

शहीद हो के लौटना तो तिरंगा कफन में  लिए !!


नहीं बहने देंगे आँसू एक भी कतरा हम !!

क्योंकि व्यर्थ नहीं जाने देंगे आपकी कुर्बानी देश के लिए !!


हर माँ महान हैं  उसको कोटी कोटी प्रणाम हैं !!

जिसने सौप दिया अपने लाल को देश के लिए !!


संस्कार, संस्कृति और शान मिले !!

 ऐसे हिन्दू, मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले !!


रहे हम सब ऐसे मिल-जुल कर !!

मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में भगवान् मिले !!


ना बैर हो किसी से ना नफरत  से मिले !!

ईद हो या दिवाली सब एक रंग में रंगे !!


आओ झुक कर सलाम करे उनको !!

जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है !!


खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है !!


मीना सिंह राठौर ✍️

नोएडा, उत्तर प्रदेश। 



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