चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी का रिश्ता दुनिया के सबसे मजबूत रिश्तों में से एक है. इस रिश्ते में इन बातों को कभी नहीं आने देना चाहिए. जानते हैं आज की चाणक्य नीति.
चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने सुखद दांपत्य जीवन को लेकर भी चर्चा की है. उन्होने पति और पत्नी के रिश्ते को कैसे मजबूत बनाना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस पर भी बताया है.
1- चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को इस रिश्ते में शक को नहीं आने देना चाहिए. शक इस रिश्ते को कमजोर करने में सबसे विशेष भूमिका निभाता है. इससे गलतफहमी आती है और बाद में इसके कारण जीवन में जहर घुल जाता है. कहते हैं कि एक बार शक का प्रवेश हो जाए तो ये आसानी से दूर नहीं होता है. रिश्तों में परिपक्वता होनी चाहिए. एक दूसरे पर विश्वास ही इस जहर को नष्ट करता है.
2- चाणक्य नीति में बताया गया है कि अहंकार भी दांपत्य जीवन में जहर घोलने का काम करता है. ये रिश्ते को खराब करता है. इससे दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. पति-पत्नी के रिश्ते में अहंकार के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए.
3- आचार्य चाणक्य के अनुसार दांपत्य जीवन को यदि सुखद बनाना है तो इसमें झूठ के लिए कोई भी स्थान नहीं होना चाहिए. पति और पत्नी के रिश्ते को झूठ बहुत कमजोर करने की कोशिश करता है. इसलिए इससे दूर रहना चाहिए. पति और पत्नी का रिश्ता बेहद पवित्र माना गया है. इसे समझदारी और आपसी तालमेल के साथ निभाना चाहिए.
4- चाणक्य नीति के अनुसार आदर और सम्मान किसी भी रिश्ते को मजबूत और लंबे समय तक चलाने की निशानी है. जब किसी भी रिश्ते में आदर और सम्मान की कमी आने लगती है तो वो रिश्ता बेरंग हो जाता है, उस रिश्ते का आनंद समाप्त हो जाता है. हर रिश्ते की मर्यादा होती है. इस मर्यादा को कभी किसी को नहीं लांघना चाहिए.
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