सोमवार को इस विधि से करें शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ, ‌सौभाग्य में होगी वृद्धि, दूर होंगे कष्ट


भोलेबाबा का शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ बहुत प्रभावशाली माना गया है.जानते हैं शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ की विधि और पाठ :-

सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित है. एक लोटा जल औऱ एक बेलपत्र अर्पित करने से महादेव प्रसन्न हो जाते हैं. भोलेबाबा का शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ बहुत प्रभावशाली माना गया है. सोमवार के दिन इस स्तुति का पढ़ने से महादेव बहुत जल्द खुश होते हैं और भक्त की हर समस्या का निवारण हो जाता है. अगर शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ न कर पाएं तो शिव शंभू के पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप कर लें. इससे तमाम कष्ट से मुक्ति मिल जाएगी. आइए जानते हैं शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ की विधि और पाठ :-

शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ विधि

-सोमवार के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद शिव जी का जल में गंगाजल डालकर अभिषेक करें.

-एक बेलपत्र उन्हें अर्पित करें और फिर शिव के समक्ष घी का दीपक लगाकर शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ की शुरुआत करें.

-शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ संस्कृत में पढ़ने में समस्या हो तो हिंदी अर्थ भी पढ़ सकते हैं. ध्यान रहे शब्दों का उच्चारण गलत न हों.

-शिव के इस स्तुति को करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है साथ ही तमाम दुख दूर होते हैं.

शिव पंचाक्षर मंत्र का लाभ

पृथ्वी, अग्नि, जल, आकाश और वायु इन पांच तत्वों से मिलकर सृष्टि का निर्माण हुआ है. धर्म ग्रंथों के अनुसार शिव के पंचाक्षर मंत्र का जाप करने से सृष्टि के पांचों तत्व नियंत्रित होते हैं. मान्यताओं के अनुसार 'ओम नमः शिवाय' सबसे पहला मंत्र है जिसकी उत्पत्ति मानव जाति के कल्याण के लिए की गई थी

शिव पंचाक्षर स्त्रोतम पाठ

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।

मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।

मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।

शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।

वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।

चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।

यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।

पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।

शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे ‘न’ काराय नमः शिवायः।।

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.




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