*माँ सच में हम अब आजाद हैं !!*

 


हर तरफ खुशियों का माहौल था !!

सब खुशियाँ मना रहे थे !!


स्वतंत्रता दिवस की बधाईयाँ दे रहे थे !!

मिठाईयां बाटी जा रही थी !!


हर घर पर तिरंगा सजे थे !!

हर गली चौराहा सज रहा था !!


एक छोटी सी बच्ची करीब 7 साल की थी !!

दरवाजे के पीछे खड़ी सिर बाहर निकाल कर !!

माँ के हाथ पकड़े !!


माँ से मासुम सा सवाल पुछ बैठी !!

माँ ये किस लिए खुशियाँ मनाया जा रहा हैं !


माँ ने सहज भाव में ही बोल दिया कि आजादी मनाया जा रहा हैं !!

फिर उस बच्ची ने माँ से मासुम सा सवाल पुछा !!

माँ आजादी का मतलब क्या होता हैं !!


माँ ने फिर वही सहज भाव में जबाब दे दिया !!

आज़ादी का मतलब हम अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से 

जियेंगे !!

बच्ची का मसुम सवाल माँ की आँखो में आँसू आ गये !!

माँ सच में हम आजाद हैं !!


अब बड़ी दीदी को बाहर जाने दोगी ना उन्हें ये बोल कर 

जाने से मना कर देती हो की बाहर की दुनिया बहुत खराब हैं !!

माँ और वो बगल वाले घर में एक दीदी रहती हैं !!

सब लोग कहते हैं की उनके साथ कुछ लड़के बहुत गलत किये !

अब हमारे साथ नहीं होगा ना माँ !!

और अब हम स्कूल जायेंगे तो आपको हमें लेने नही आना पड़ेगा !!

और छोड़ने भी पापा को नही जाना पड़ेगा ना माँ !!

अब हमें किसी से डरना नहीं होगा ना माँ !!


माँ और वो जो बड़े वाले घर में रहते हैं लोग सब लोग उनके बारे में बोलते हैं की वो अपनी बहु को जला कर मार दिये !


दहेज कम लाई थी बड़ी वाली गाड़ी नहीं लाई थी अपने घर से !!

माँ अब हमें तो कोई नहीं जलायेगा ना!!

माँ वो भी तो हैं हमारे घर के पिछे चाची जो आपके पास आकर रोती हैं !!


कहती हैं की चाचा रोज उनको मारते हैं ! 

अब नहीं मारेंगे ना !!

माँ बोलो ना बच्ची के सवाल खतम नहीं हो रहे थे ! 

और माँ के आँखों से आंसुओ की धार रुक नहीं रही थी !!


पत्थर हो गयी थी माँ बच्ची के मासुम सवाल से ! 

कोई जबाब नही था !

माँ बोलो ना क्यों नहीं बोल रही हो !

माँ सच में हम आजाद हैं !!


मीना सिह राठौर 

नोएडा, उत्तर प्रदेश। 



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