जस्टिस उदय उमेश ललित भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश बने, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ


जस्टिस उदय उमेश ललित ने भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में आज शपथ ग्रहण कर ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई है.

नई दिल्ली: जस्टिस उदय उमेश ललित ने भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में आज शपथ ग्रहण कर ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई है.

दादा और पिता भी थे 

वकील जस्टिस ललित के 90 वर्षीय पिता उमेश रंगनाथ ललित और परिवार के सबसे छोटे सदस्यों के रूप में पोते पोतियां भी शपथ ग्रहण समारोह में लोगों की निगाहों के केंद्र हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जस्टिस ललित को देश के मुख्य न्यायाधीश को शपथ दिला रही हैं. जस्टिस ललित के परिवार में एक सदी से ज्यादा समय यानी कई पीढ़ियों से विधि और न्यायशास्त्र के विद्वान रहे हैं. जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित महाराष्ट्र के सोलापुर में वकालत करते थे जबकि पिता उमेश रंगनाथ ललित ने सोलापुर से वकालत शुरू की. मुंबई और महाराष्ट्र में वकालत में नाम कमाया और फिर मुंबई हाई कोर्ट में जज भी बने.

हां, जस्टिस उदय उमेश ललित की पत्नी अमिता उदय ललित का पेशेवर जीवन वकालत से नहीं जुड़ा है. वो पेशे से शिक्षाविद हैं और नोएडा में दशकों से बच्चों का स्कूल चलाती हैं. अगली पीढ़ी में दो पुत्र हैं जस्टिस ललित और अमिता ललित के बड़े बेटे श्रेयस और उनकी पत्नी रवीना दोनों पेशेवर वकील हैं. श्रेयस ने आईआईटी गुवाहाटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद वकालत को पेशा बनाया है. छोटा बेटा हर्षद अपनी पत्नी राधिका के साथ अमेरिका में पेशेवर जीवन में है.





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