सावन में मंगला गौरी व्रत का खास महत्व, जानिए इसकी तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि


सावन महीने के पहले मंगलवार को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन मंगला गौरी व्रत का विशेष फल मिलेगा।

इस साल 14 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हो रही है। यह महीना शिवभक्तों के लिए खास होता है और शास्त्रों में भी इसे भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना गया है। सावन के महीने में सोमवार के व्रत और शिव को जल चढ़ाने की अलग ही महत्ता है। माना जाता है इससे शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं। लेकिन सावन में महिलाओं के लिए एक और व्रत बेहद खास होता है। ये है मंगला गौरी व्रत, जिसे सावन के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है। यह व्रत माता पार्वती के लिए रखा जाता है और मान्यता है कि सावन माह के मंगला गौरी व्रत करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं।

कब है मंगला गौरी व्रत?

1. पहला मंगला गौरी व्रत - 19 जुलाई, 2022

2. दूसरा मंगला गौरी व्रत - 26 जुलाई, 2022

3. तीसरा मंगला गौरी व्रत - 02 अगस्त, 2022

4. चौथा मंगला गौरी व्रत - 09 अगस्त, 2022

बहुत शुभ है पहला मंगला गौरी व्रत

सावन का पहला मंगला गौरी व्रत कई मायनों में खास है। ज्योतिष के मुताबिक इस दिन सवार्थ सिद्ध योग बन रहा है, जो सुबह 05 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक है। जैसा कि आप जानते होंगे इस योग में ​की गई पूजा से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही इस मुहूर्त में किये गए सभी कार्य सफल होते हैं। इसलिए 19 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग में माता पार्वती की पूजा करें और सच्चे हृदय से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें।

खास बात ये है कि इस दिन सुबह 05:35 बजे से दोपहर 12:12 बजे तक रवि योग भी है। इसके अलावा दोपहर को 01 बजकर 44 मिनट से सुकर्मा योग प्रारंभ हो रहा है, जो पूरी रात तक रहेगा। ये तीनों योग शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं। ऐसे में मंगला गौरी व्रत और माता पार्वती के पूजन से आपको विशेष फल मिलेगा।आम तौर पर सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए मंगला गौरी व्रत रखती हैं। इस व्रत के प्रभाव से संतान से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं।

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साभार- नईदुनिया



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