मून स्टोन पहनने से इन राशि के लोगों का चमक सकता है भाग्य, जानिये कैसे करें-असली मून स्टोन की पहचान


वैदिक ज्योतिष के अनुसार मून स्टोन मोती रत्न का उपरत्न है। आइए जानते हैं इसकी क्या है पहचान और किन लोगों को करना चाहिए धारण।

व्यक्ति को जन्मकुंडली के पूर्ण विश्लेषण के बाद ही रत्न या उपरत्न धारण करना चाहिए। वहीं कभी भी मारक, बाधक, नीच या अशुभ ग्रह का रत्न धारण नहीं करना चाहिए। रत्न और उपरत्न को हमेशा शुभ ग्रह यदि अस्त है या निर्बल है तो उसका धारण करना चाहिए। ताकि उस ग्रह के प्रभाव को बढ़ाकर शुभ फलों में बढ़ोतरी की जा सके।

ज्योतिष शास्त्र में 84 रत्न और उपरत्नों का उल्लेख मिलता है, आज हम बात करने जा रहे हैं मोती के उपरत्न के बारे में, जिसका नाम है मून स्टोन। मून स्टोन को चन्द्रकान्तमणि, चन्द्रमणि और गोदन्ता के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं मून स्टोन धारण करने के लाभ और इसकी क्या है पहचान…

क्रोध को करता है शांत : परिवार में किसी न किसी कारण से तनाव की स्थिति बनी हुई है, इस कारण घर से दूर रहने के मौके खोजते हैं और पारिवारिक कलह पीछा नहीं छोड़ रही है तो मून स्टोन रत्न पहना बहुत फायदेमंद हो सकता है। साथ ही यह पति-पत्नी के रिश्तों को सही करता है और जिस भी कारण से क्रोध बढ़ा हुआ है उसे भी शांत करता है। इसके कारण घर का सुख बढ़ेगा और परिवार एक फिर नजदीक आएगा। यह रत्न व्यक्ति को अपने काम और अपने फैसलों के प्रति मजबूती के साथ खड़ा रहने की योग्यता देता है।

इन राशि वालों को करता है सूट : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृश्चिक लग्न वाले जातकों की कुंडली में चन्द्रमा भाग्य स्थान का स्वामी है, लेकिन यहां एक विडंबना है कि चन्द्रमा इसी राशि में यानी वृश्चिक राशि में नीच का हो जाता है, इसलिए वृश्चिक राशि वाले जातकों को मून स्टोन तो पहनना चाहिए परन्तु इसके साथ ही चन्द्रमा का यंत्र भी पहनना चाहिए, बिना चन्द्र यंत्र के मून स्टोन नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि चन्द्र यंत्र चन्द्रमा के नीचत्व को रोकेगा और मून स्टोन आपके भाग्य को बढ़ायेगा। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा उच्च मतलब सकारात्मक स्थित हो तो भी मून स्टोन धारण किया जा सकता है।

ऐसे करें मून स्टोन की पहचान : यह रंगहीन, पीला उपरत्न है। साथ ही इस पर नीली अथवा दूधिया चमक दिखाई देती है जो चांदी के समान लगती है। इस उपरत्न की सतह पर कई बार नीली झांई के समान दूधिया रंग का प्रकाश दिखाई देता है। जिस चन्द्रमणि में जितनी अधिक नीली आभा होती है वह उतना ही अधिक मूल्यवान होता है। यह बाजार में सस्ता ही मिल जाता है। बस क्वालिटी कैसी है यह देखने वाली बात है।




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