लखनऊ: 23जुलाई 2022। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा गांव में विकास के नए मॉडल और नए प्रतिमान स्थापित किए जाएंगे। कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का नया युग आया है, अधिकारी अपनी प्रतिभा और क्षमता का भरपूर उपयोग करें। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी को निर्देश दिए हैं कि विकास कार्यों मे जनप्रतिनिधियों के सुझाव लिये जाएं, लेकिन किसी के दबाव में कोई गलत काम न किया जाए। अधिकारी कार्यक्रम बनाकर गांवो का भ्रमण करें। गांवों की ग्राउण्ड रिपोर्ट सामने आना चाहिए। समस्याओं को टालने से नहीं, निस्तारित करने से सरकार की छवि बनती है
मनरेगा योजना का उल्लेख करते हुए श्री मौर्य ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रोजगार सृजन हेतु भौतिक लक्ष्य 2600 लाख मानव दिवस अनुमोदित किया गया है और इस वर्ष अब तक 53.33 लाख श्रमिकों को रोजगार देते हुये 1260.72 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं एवं कुल रू,० 4372.15 करोड़ की धनराशि व्यय की चुकी है। इस तरह मनरेगा में कार्य कराने के मामले में उत्तर प्रदेश, देश में अग्रणी पंक्ति में है।
बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत विगत 5 वर्षो मे उत्तर प्रदेश में 3.98 करोड़ श्रमिकों को रोजगार देते हुए 135.85करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं और इसमें रू 36309.33 करोड़ की धनराशि व्यय की गयी है, जिसमें श्रमांश मद में रू 25902.14 करोड़ एवं सामग्री अंश मे रू 10407.18 करोड़ की धनराशि व्यय की गयी है।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 मे 20 लाख परिवारो को 100 दिवस का पूर्ण रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है, चालू वर्ष में अब तक 18801 परिवारों को पूर्ण 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
विगत 5 वर्षों में प्रदेश में 16.14 लाख परिवारों को पूर्ण 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
बी एल यादव
सूचना अधिकारी।
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