अच्छा और बुरा वक्त आने से पहले हमें संकेत जरुर मिलते हैं. जानते हैं चाणक्य के अनुसार क्या है बुरे समय के संकेत.
जीवन में सुख है तो यकीनन दुख भी जरुर आते हैं. वक्त हमेशा एक जैसा नहीं होता लेकिन ये अच्छा और बुरा वक्त आने से पहले हमें संकेत जरुर मिलते हैं. जानकारी के अभाव में अक्सर व्यक्ति इन संकेतों को समझ नहीं पाते या इन्हें स्वीकार नहीं करते. वास्तु शास्त्र, स्वप्न शास्त्र यहां तक की आचार्य चाणक्य ने भी ऐसे घटनाओं का जिक्र किया है जो बुरे समय का इशारा करती हैं. अगर आप इन पर गौर करेंगे तो कई आने वाली आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से बच सकते है. आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार क्या है बुरे समय के संकेत.
गृह क्लेश : परिवार के बीच मनमुटाव होते रहते हैं. ऐसा कोई घर नहीं जहां कभी लड़ाई झगड़े न हुए हो लेकिन घर में रोज का विवाद होना अच्छा नहीं माना जाता. जिस घर में रोज क्लेश होते हैं वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं होता. चाणक्य के मुताबिक ये संकेत है आर्थिक पक्ष कमजोर होने का. घर में नकारात्मकता होने से व्यक्ति को मानसिक रोग से घिर सकता है.
बुजुर्गों का अपमान : जहां बड़े-बुजुर्गों का अपमान होता है उस घर की बरकत चली जाती है. सौभाग्य, दुर्भाग्य में बदल जाता है. बुजुर्गों के प्रति बुरा आचरण घर के विनाश का संकेत होता है. चाणक्य के अनुसार जिसका खामियाजा कई पीड़ियों तक भुगतना पड़ सकता है.
तुलसी : हरी भरी तुलसी का घर में होना सुखी और खुशहाल जीवन की निशानी है लेकिन अगर तुलसी सूखने लगे तो ये कोई भयानक घटना के घटित होने की तरफ इशारा करता है. चाणक्य के अनुसार ऐसे में आपको आर्थिक संकट से भी जूझना पड़ सकता है.
शीशे का टूटना : शीशा टूटना आम बात है लेकिन अगर ये घटना घर में अक्सर हो रही है तो ये अशुभ संकेत होते हैं. चाणक्य कहते हैं कि घर में टूटे कांच से दरिद्रता आती है.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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