गुजरात के बोटाद में रविवार रात को जहरीली शराब पीने के बाद करीब 4 दर्जन लोगों की तबीयत खराब हुई जिन्हें सोमवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से 19 लोगों की मौत हो गई है। छानबीन के बाद पुलिस ने कहा है कि लोगों को शराब की जगह रसायन बेच दिया गया था।
अहमदाबाद: गुजरात में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई है और 40 से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि अस्पताल में भर्ती कई मरीजों की हालत गंभीर है। जहरीली शराब पीने से लोगों के बीमार होने का मामला रविवार रात को आया था। सोमवार सुबह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन शाम होते-होते मरीजों की मौत होने लगी जिससे हड़कंप मच गया। इस घटना की जांच के लिए भावनगर रेंज आईजी अशोक यादव ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जिसका नेतृत्व पुलिस उपाधिक्षक को दिया गया।
अब विशेष जांच दल (SIT) की छानबीन में कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। प्रारंभिक जांच और संदिग्धों से पूछताछ के बाद, गुजरात पुलिस के सूत्रों ने कहा है कि मृतकों शराब के बदले रसायन बेचे गए थे। रविवार की रात केमिकल के सेवन से ही लोग बीमार पड़ गए। एसआईटी की जांच के अनुसार, एमोस नाम की एक कंपनी ने मिथाइल की आपूर्ति की थी जो पीड़ितों द्वारा पी गई जहरीली शराब में मौजूद थी। विशेष जांच दल की छानबीन में पता चला कि आरोपी जयेश उर्फ राजू ने अपने रिश्तेदार संजय को 60,000 रुपये में 200 लीटर मिथाइल की आपूर्ति की। संजय और उसके सहयोगी पिंटू ने देशी शराब के नाम पर मिथाइल और केमिकल से भरे पाउच लोगों को बेच दिए। शराब के नाम पर रसायन के सेवन के बाद लोग बीमार होते गए और फिर एक के बाद एक लोग दम तोड़ते गए।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एमोस कंपनी द्वारा कुल 600 लीटर मिथाइल की आपूर्ति की गई थी, जिसमें से पुलिस ने लगभग 450 लीटर जब्त कर लिया है। रसायन का सेवन करने वाले 40 से अधिक लोग गंभीर स्थिति में हैं और विभिन्न अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है। ज्यादातर मरीज भावनगर के सर तख्त सिंह जी अस्पताल में हैं। ये सभी बोटाद जिले के बरवाला तालुका के रोजिड गांव और आसपास के कुछ अन्य गांवों के हैं। पुलिस ने अब तक शराब के अवैध व्यापार में शामिल होने के आरोप में 10 लोगों को हिरासत में लिया है।
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