कम उम्र में उन्हें हार्ट अटैक आना बेहद चिंता का कारण है, इन संकेतों को न करें नजरअंदाज


हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कम उम्र में दिल के दौरे का पड़ने पीछे अहम कारण स्ट्रेस, बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल (Lifestyle) और गलत खानपान हो सकते हैं. हार्ट अटैक की सिचुएशन में मरीज के नसों में ब्लड क्लॉट बन जाता है, जिसकी वजह से ब्लड फ्लो में बाधा आती है या फिर वह रुक जाता है. इसे मेडिकली मायोकार्यिल इंप्रक्शन कहा जाता है.

इस बीमारी की चपेट में आने के तुरंत बाद मरीज को हॉस्पिटल ले जाना चाहिए. वैसे कुछ ऐसे संकेत होते हैं, जो ये दर्शाते हैं कि आपको हार्ट अटैक आ सकता है. हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आप किन संकेतों से जान सकते हैं कि आपको हार्ट अटैक आ सकता है. साथ ही ये भी बताएंगे कि आप फौरन किन कामों को करके खुद या किसी अन्य की जान बचा सकते हैं.

हार्ट अटैक के इन संकेतों को न करें नजरअंदाज :- 

बेचैनी : ऐसा माना जा रहा है कि सिंगर केके ने लाइव शो के दौरान महसूस हुई बेचैनी को नजरअंदाज किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें अपने होटल के कमरे में पहुंचने के बाद बेचैनी महसूस हुई. ये हार्ट अटैक का आम लक्षण होता है, जिसे आप भी इग्नोर करने की भूल न करें. ज्यादातर मामलों में लोग ऐसा महसूस होने पर डॉक्टर को बुलाने या उनके पास जाने में देरी कर देते हैं.

सीने में दर्द : कई बार लोग सीने में दर्द की समस्या को नॉर्मल समझकर इग्नोर कर देते हैं. इसे हार्ट अटैक का सबसे अहम संकेत या लक्षण माना जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप 40 की उम्र के पार है और अचानक सीने में दर्द महसूस करते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं.

सांस लेने में दिक्कत : सांस लेने में दिक्कत भी हार्ट अटैक का संकेत होता है. अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो या फिर अचानक से चक्कर आना शुरू हो जाए तो इसको भी इग्नोर नहीं करना चाहिए. सांस की तकलीफ हार्ट अटैक का एक सामान्य संकेत है. आपको चक्कर आ सकते हैं या फिर आप बेहोश हो सकते हैं. इसके अलावा पसीने आना, जी मचलाना भी हार्ट अटैक के आने के संकेत होते हैं. लोग इसे आम समस्या समझकर इग्नोर करते हैं, लेकिन ऐसा रवैया जानलेवा साबित हो सकता है.

तुरंत करें ये 3 काम :-

एस्पिरिन लें : अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को हार्ट अटैक की प्रॉब्लम हुई है, तो इस कंडीशन में सबसे पहले मेडिकल हेल्प लें. अगर इसमें समय लग रहा है, तो एस्पिरिन की गोली लें. आप इसे पहले से घर में लाकर रख सकते हैं. कहते हैं कि ये गोली खून को पतला करने का काम करती है. ऐसा होने पर आपके खून में थोड़ा फ्लो बन पाएगा.

सीपीआर दें : दिल का दौरा पड़ने के बाद अगर रोगी बेहोश हो गया है, इस कंडीशन में आपको सूझबूझ के साथ व्यवहार करना चाहिए. इस कंडीशन में आपको मरीज को सीपीआर देना चाहिए. इसमें मरीज की छाती पर हाथों को रखकर दबाव बनाएं. ऐसा करने हो सकता है कि मरीज फिर से ठीक से सांस ले पाए.

मरीज से बात करते रहे : किसी को हार्ट अटैक की दिक्कत हुई है, तो किसी भी सूरत में उसे बेहोश न होने दें. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस दौरान आपको मरीज से बात करती रहनी चाहिए और ऐसा तब तक करें, जब तक कि मेडिकल हेल्प न आ जाए.



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