बलिया : संभावित बाढ़ क्षेत्रों के लिए समीक्षा बैठक



बलिया। सम्भावित बाढ़ 2022 की पूर्व तैयारी के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इस समीक्षा बैठक में बाढ़ से संबंधित कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। चर्चा के मुख्य बिन्दु बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्रामों में बैठक कर जनजागरण अभियान चला कर लोगों को जागरूक करना एवं ग्राम स्तर पर बाढ़ सुरक्षा समिति का गठन करना था।

जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ चौकियों का सत्यापन पहले से ही कर लिया जाए जिससे बाढ़ के समय में लोगों को परेशानी ना होने पाए। बाढ शरणालयो/राहत शिविरों का सत्यापन करने का निर्देश उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि नावों की स्थिति की जांच पहले से कर लिया जाए ताकि बाढ़ के समय उनका उपयोग किया जा सके। मल्लाहों एवं गोताखोरों से अभी से संपर्क कर उन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी दे दी जाए ताकि बाढ़ के समय जान माल की कम से कम हानि होने पाए।

जिलाधिकारी ने बाढ़ में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जानकारी अधिकारियों से ली और उन्हें निर्देश दिया कि यहां के पानी में आर्सेनिक की अधिकता अधिक है अतः पहले से ही स्वच्छ पानी की व्यवस्था और उसकी आपूर्ति सुनिश्चित कर ली जाए।

जिलाधिकारी ने औषधियों/विसंक्रमको के उपलब्धता के अन्तर्गत जीवन रक्षक औषधियो, ओ०आर०एस०, एन्टी स्नेक वेनम, ब्लीचिंग पाउडर आदि की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जिससे कि बाढ़ के समय लोगों को संक्रामक रोगों से बचाया जा सके। मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिया कि अपने-अपने क्षेत्रों में ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के साथ मिलकर डेंगू और मलेरिया जैसे बीमारियों के उपचार के लिए पहले से ही व्यवस्था कर ली जाए। नगर पालिका को निर्देश दिया गया कि बाढ़ के दौरान शौचालय की व्यवस्था कर ली जाए।

जिलाधिकारी ने पशुओं का टीकाकरण एवं स्वास्थ्य कैम्पों के आयोजन की स्थिति का जायजा लिया और निर्देश दिया कि मुंहपका, खुरपका जैसी बीमारियां बारिश के समय पशुओं में आमतौर पर होती हैं। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया की समय रहते ही इस पर अमल कर लिया जाए साथ ही पशुओं की चारे की व्यवस्था करने के निर्देश उन्होंने दिया।

जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया कि राहत सामग्री/आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था/आपूर्ति बाढ़ पूर्व ही कर ली जाए इसमें दो टाइम का भोजन, पानी, फल आज की व्यवस्था की जाए।

तटबन्ध पर चूहों द्वारा बनाये गये रैटहोल को भरे जाने व तटबन्ध पर क्षतिग्रस्त सड़को की मरम्मत का कार्य एवं नदियों की तलहटी की जमा बालू को हटाया जाना पर भी चर्चा जिलाधिकारी ने की। उन्होंने निर्देश दिया तटबन्ध के संवेदनशील स्थानों का निरीक्षण एवं आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए।मिट्टी/बालू से बोरियों को भरे जाने का कार्य पहले ही कर लिया जाए ताकि बाढ़ के समय तक तटबन्धों पर बोरियों को लगाकर जल प्रवाह को रोका जा सके।तटबन्ध की सुरक्षा हेतु पूर्व से बोल्डरों तथा तार के केन्टों के प्रबन्ध की स्थिति ठीक कर ली जाए।

बाढ़ के समय वाढग्रस्त क्षेत्रों में स्कूलों के संचालन के संबंध में उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी से जानकारी हासिल की। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बाढ़ के समय स्कूलों का स्थान स्थानांतरित कर दिया जाता है। बाढ़ के समय विद्युत व्यवस्था/संचार व्यस्था का संचालन के संबंध में उन्होंने विद्युत विभाग को निर्देश दिया कि कटे-फटे तारों को हटा दिया जाए साथ ही जहां पर बाढ़ के समय जनसंख्या को स्थानांतरित किया जाता है वहां पर विद्युत प्रकाश की व्यवस्था कर ली जाए। राहत/बचाव कार्य में प्रयुक्त होने वाले वाहनों की उपलब्धता की स्थिति का भी जायजा लिया। साथ ही तहसील स्तर एवं जनपद स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना के निर्देश उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दिए। आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता का सत्यापन (लाइफ जैकेट, लाइफ ब्याय रिंग. टार्च, रस्सी आदि) की व्यवस्था पहले ही करने के निर्देश उन्होंने दिए।

इस बैठक में जिलाधिकारी के अतिरिक्त मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा, डीएफओ श्रद्धा यादव, एडिशनल एसपी विजय त्रिपाठी, सभी उप जिलाधिकारी तथा बाढ़ और सिंचाई विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।




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