उत्तर प्रदेश : राशन कार्ड सरेंडर-रिकवरी करने की बातें अफवाह, योगी सरकार ने बताए ये नियम


उत्तर प्रदेश राज्य के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने मीडिया में इस संबंध में चल रही खबरों को आधारहीन और भ्रामक बताते हुए कहा कि राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है. इसमें आठ साल पुराने नियम लागू हैं.

-राशन कार्ड को लेकर उड़ी थी अफवाह

-खाद्य आयुक्त ने किया अफवाहों का खंडन

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने या उनके निरस्तीकरण के सम्बन्ध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है. खबरों का खंडन करते हुए राज्य के खाद्य आयुक्त ने इस संबंध में चल रही खबरों को भ्रामक और आधारहीन बताया है. 

खाद्य आयुक्त ने मीडिया में इस संबंध में चल रही खबरों को आधारहीन और भ्रामक बताते हुए कहा कि राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है. इसमें आठ साल पुराने नियम लागू हैं. वर्तमान में उन नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. प्रदेश में जितने भी राशन कार्ड के पात्र हैं, उनमें से किसी का भी राशन कार्ड रद्द नहीं होगा और न ही उन्हें सरेंडर करना होगा. उन सभी पात्रों को राशन मिलता रहेगा. 

खाद्य आयुक्त ने किया खबरों का खंडन :

बता दें कि ऐसी खबरें चल रही थीं कि सरकारी योजना के तहत मिला पक्का मकान, बिजली का कनेक्शन, शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन, गौ पालन करने वाले शख्स राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं होंगे. इसके अलावा कहा जा रहा था कि ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख और शहरी क्षेत्र में तीन लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले लोग ही राशन कार्ड के लिए पात्र होंगे. साथ ही कहा गया था कि इन मानकों के दायरे में आने वाले लोग ही राशन कार्ड के लिए पात्र हैं. ऐसे लोग अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दें, नहीं तो राशन कार्ड का सत्यापन कराया जाएगा और अपात्र पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और दिया गया राशन वसूला जाएगा. खाद्य आयुक्त ने स्पष्ट कर दिया है कि इन पात्रों को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में किसी तरह के दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं.







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