लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिवाहन राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार) दयाशंकर सिंह के निर्देश पर परिवहन विभाग निजी क्षेत्र एवं शासकीय विभागों, संस्थानों की कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव और लक्ष्य के साथ भ्रष्टाचार मुक्त जनसेवाऐं देने के लिए कटिबद्व है। परिवहन विभाग में लम्बे समय से कर राजस्व की चोरी कर रहे प्रदेश में पंजीकृत यात्री वाहन एवं माल-वाहन तथा निकटवर्ती राज्यों से प्रदेश की सीमा में परिवहन कर राजस्व को क्षति पहुँचा रहे वाहनों के विरूद्व दिये गये है, जिसके क्रम में परिवहन विभाग लगातार कार्यवाही कर रहा है। माफिया प्रवृत्ति के बस संचालकों के विरूद्व कार्यवाही भी की जा रही है। अनधिकृत बसों का चालान एवं सीज किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री आर0पी सिंह ने यहा जानकारी देते हुये बताया कि निगम द्वारा ग्रामीण व शहरी मार्गाे पर साधारण डीजल वाहनों से लेकर सीएनजी वातानुकूलित श्रेणी वाहनों के वैधानिक संचरण के लिए अनुबंध हेतु निविदाएँ जारी कर दी गयी है। परिवहन निगम द्वारा इसके लिए अपने निदेशक मण्डल के स्तर से अनुमोदित व्यवस्था अनुसार अपने बेडे के 30 प्रतिशत संख्या तक निजी क्षेत्र की वाहनों को विभिन्न क्षेत्रों मे अनुबन्ध किया जायेगा। उन्होने बताया कि निगम प्रदेश में संचरण कर रही अवैध वाहनों का अधिकाधिक परिवहन निगम से अनुबन्ध किया जा रहा है। इसके परिणाम बेहतर पाये जाने पर 30 प्रतिशत से भी अधिक किया जा सकता है, ताकि प्रदेश की जनता को बेहतर परिवहन सुविधाऐ दी जा सके।
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