बलिया : जे0 एन0 सी0 यू0 के विकास एवं भावी कार्ययोजना पर मंथन


बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के विकास और भावी कार्य योजना के निर्माण के लिए गठित टास्क फोर्स की एक बैठक विश्वविद्यालय परिसर में संपन्न हुई। जिनके साथ मिलकर  कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए विचार विमर्श किया। इस बैठक में प्रो0 आर0 सी0 श्रीवास्तव ने समस्या के रूप में बलिया की बेरोजगारी, प्राकृतिक संसाधनों का अतिशय दोहन और विश्वविद्यालय परिसर में जलजमाव को केंद्र में रखकर समाधान के रूप में  सौर ऊर्जा के प्रयोग, सुखेत मॉडल के द्वारा हर्बल गुलाल, मशरूम, जैविक खाद आदि का उत्पादन कर विश्वविद्यालय और निकटवर्ती गाँवों में रोजगार सृजन के साथ विकास का सुझाव दिया। प्रो0 जी0 एन0 तिवारी ने भी सौर ऊर्जा के प्रयोग के द्वारा परिसर में ऊर्जा उत्पादन के साथ ही एक्वाकल्चर, ग्रीनहाउस तकनीक द्वारा शिक्षा के साथ रोजगार को जोड़ने पर बल दिया। प्रो0 आनंद चौधरी ने नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के सहयोग से बलिया में मेडिसिनल प्लांट्स की खोज और उनकी खेती का  सुझाव दिया।प्रो0 कि चौधरी ने बताया कि इस कार्य में बी0 एच0 यू0 का द्रव्यगुण विभाग भी सहयोग करने को तैयार है। निर्भय नारायण सिंह ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए तीन बिंदुओं- इंफ्रास्ट्रक्चर, मानव संसाधन एवं उत्कृष्टता के विकास के लिए  अल्पावधि और दीर्घावधि कार्य योजना (डी पी आर) बनाने और उसके क्रियान्वयन की बात की। डाॅ0 अवनींद्र सिंह ने उच्च गुणवत्ता के बीजों के उत्पादन के लिए विश्वविद्यालय और किसानों के बीच सहयोग का सुझाव दिया। कुलपति प्रो0 कल्पलता पाण्डेय ने कहा कि बलिया के विकास के लिए मैं आप लोगों का सहयोग और समर्थन चाहती हूँ।  आप लोग इस विश्वविद्यालय और बलिया के विकास  के लिए प्राणप्रण से सहयोग करेंगे, ऐसा मुझे विश्वास है। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एक सौर ऊर्जा पार्क के निर्माण के लिए प्रो0 जी0 एन0 तिवारी के मार्गदर्शन में एक प्रोजेक्ट बनाया जाए जिससे विश्वविद्यालय परिसर और सड़क रात में प्रकाशित रहे। दूसरा प्रोजेक्ट  डाॅ0 आर0 सी0 श्रीवास्तव और डाॅ0 अवनींद्र सिंह के निर्देशन में सुखेत मॉडल के प्रयोग के साथ उन्नत बीज उत्पादन के लिए बने। तीसरा प्रोजेक्ट प्रो0 आनंद चौधरी के निर्देशन में  मेडिसिनल प्लांट्स की पहचान, खेती और उनके व्यावसायिक प्रयोग के लिए बनाया जाए। इन तीनों प्रोजेक्ट का निर्माण  कर जून के तृतीय सप्ताह में नीति आयोग के सी0 इ0 ओ0 अमिताभ कांत जी जो इस टास्क फोर्स के संरक्षक  भी हैं, से मिलकर इनको आगे बढ़ाने व क्रियान्वित कराने के प्रयत्न किए जाएं। इस निमित्त 10 जून को फिर टास्क फोर्स की एक बैठक के आयोजन के निर्णय के साथ यह बैठक समाप्त हुई।

इस टास्क फोर्स में विश्वविद्यालय के फोरम 'लिविंग लिजेंड्स ऑफ बलिया' के सदस्यों में से प्रो रमेश चन्द्र श्रीवास्तव, कुलपति, डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर, बिहार, प्रो गोपाल नाथ तिवारी, पूर्व प्रोफेसर, आई आई टी, दिल्ली, प्रो आनंद चौधरी, आयुर्वेद संकाय, बी एच यू, निर्भय नारायण सिंह, भारतीय रेल सेवा एवं डाॅ अवनीन्द्र सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर  सम्मिलित रहे।



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