दूसरी बार सीएम बनने के बाद एक्शन में योगी, जानिए नये फरमान से क्यों उड़ी कई मंत्रियों की नींद


लखनऊ, 15 अप्रैल। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने और दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं। अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के काम का प्लान तैयार किया है। इस योजना के तहत अब योगी कैबिनेट के मंत्री केवल चार दिनों के लिए लखनऊ में रहेंगे और बाकी तीन दिन वह अपने जिलों में रहेंगे और लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। जहां सीएम योगी राज्य के सभी मंत्रियों को पहले ही दिए गए लक्ष्यों को अगले 100 दिनों में पूरा करने का निर्देश दिया जा चुका है। इससे पहले योगी ने मंत्रियों के निजी स्टाफ को लेकर एक फरमान जारी किया था जिसको लेकर कई मंत्री असहज नजर आए थे।

योगी कैबिनेट के मंत्रियों के लिए ये है नई व्यवस्था : 

सीएम योगी ने मंत्रियों के लिए नई व्यवस्था तय की है और हर मंत्री को सोमवार, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को राजधानी में रहकर विभागीय कार्यों का निपटारा करना होगा। वहीं, सोमवार को वह लखनऊ में जनता से मिलेंगे और शिकायत पर सुनवाई करेंगे। जबकि मंगलवार को कैबिनेट की बैठक है और उस दिन वह जनप्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। बुधवार और गुरुवार को वे अपने कार्यालयों में बैठेंगे। जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी ने कैंप कार्यालय के बजाय मंत्रियों को अपने कार्यालयों में जनता, जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों से मिलने की सलाह दी है। वहीं, शुक्रवार को मंत्रियों को जिन जिलों का प्रभारी नियुक्त किया गया है, उन जिलों में रहना है।

बीजेपी के लोक कल्याण संकल्प पत्र को पूरा करने पर फोकस : 

फिलहाल प्रदेश की योगी सरकार का पूरा फोकस लोक कल्याण संकल्प पत्र के वादों को पूरा करने में है और सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को 100 दिन, छह माह व सालवार लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करने का लक्ष्य दिया है। वहीं सीएम योगी ने मंत्रियों के लिए कार्य प्रणाली भी तैयार की है और इसके तहत कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर सामान्यत: सभी मंत्री सप्ताह में चार दिन लखनऊ में रहेंगे और विभागीय कार्य देखेंगे और शेष तीन दिन वे जिलों में रहेंगे और जनता की सेवा करेंगे। समस्याओं को सुनें। सीएम योगी ने इसके लिए मंत्रियों को सख्त निर्देश दिए हैं और कहा है कि सरकार को लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है।

मिशन-2024 पर योगी सरकार का फोकस : 

दरअसल, योगी आदित्यनाथ सरकार का पूरा फोकस मिशन 2024 पर है और उन्होंने कैबिनेट सहयोगियों से साफ कह दिया है कि राज्य में सरकार के पांच साल के वादों को अगले दो साल में पूरा करना है और उसके बाद आगे के लक्ष्य तय किए जाएंगे। देश में 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं और तब तक योगी सरकार का पूरा फोकस पार्टी के संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने पर है। आने वाले दिनों में योगी सरकार कई ऐसे कार्यक्रम करती नजर आएगी जिसका सीधा संबंध आने वाले चुनाव से है।

योगी के फरमान से सकते हैं कई मंत्री : 

योगी के इस नए फरमान के बाद से ही योगी के मंत्रियों में बेचैनी साफतौर पर दिखायी दे रही है। बहुत सारे मंत्री ऐसे हैं जो स्वच्छद होकर काम करने के आदी है लेकिन योगी के इस फरमान को वह अपने उपर एक शिकंजे के तौर पर देख रहे हैं। मंत्रियों को न चाहते हुए भी अब योगी के इस फरमान के हिसाब से अपने कार्यक्रम तय करने होंगे। एक मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहली बार सीएम ने इस तरह का आदेश जारी किया है। अभी कई लोग वेट एंड वाच की मुद्रा में हैं। जल्द ही इसको अमल में लाने का प्रयास किया जाएगा। इससे पहले योगी ने फरमान जारी किया था कि मंत्रियों को निजी स्टाफ चुनने की आजादी नहीं होगी। न ही वो पुराने स्टाफ को रख सकते हैं। इससे भी कई मंत्री असहज हुए थे।

साभार-oneindia




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