बलिया : हीट वेव और लू से बचने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने निर्देश दिए


बलिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 नीरज कुमार पांडेय ने बताया है कि हीट वेव/लू की स्थिति शरीर की कार्यप्रणाली पर प्रभाव डालती है जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिए लोगों को हीट वेव या लु से संबंधित चेतावनी पर ध्यान देना चाहिए। अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। हल्के रंग के पसीना शोषित कपड़े पहनने चाहिए। धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करना चाहिए। अगर खुले में काम कर रहे हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ जरूर ले जाए। ओ0 आर0 एस0, घर में बने हुए पेय पदार्थों जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें। जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। यदि हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षण हों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सर दर्द, उकाई पसीना आना, मुरछा आदि को पहचाने। यदि मुरछा, बीमारी अनुभव करते हैं तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें तथा उन्हें पर्याप्त पानी पीने को दें। अपने घरों को ठंडा रखें पर्दे दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठंडा करने हेतु उसे खोल कर रखें। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें तथा बार-बार स्नान करें। कार्यस्थल पर ठंडे पीने का पानी रखें। कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें। श्रमसाध्य कार्यों को ठंडे समय में करने का प्रयास करें। घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृति को बढ़ाएं। गर्भस्थ महिला कर्मियों तथा रोग ग्रस्त कर्मियों पर अत्यधिक ध्यान दें। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया कि बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ियों में न छोड़ें। दोपहर 12:00 से 3:00 के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचे। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े ना पहने। जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रम साध्य कार्य न करें। अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें। रसोई वाले स्थानों को ठंडा करने के लिए दरवाजे तथा खिड़कियां खोल दें। शराब, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक आदि के उपयोग से बचें क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण को बढ़ावा देता है।



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