चाणक्य नीति : चाणक्य नीतियों का पालन करने वाले व्यक्ति के लिए जीवन की कठिनाइयों को पार करना आसान हो जाता है। इसी नीति शास्त्र में चाणक्य ने घर के मुखिया के लिए कुछ ऐसी बातों का वर्णन किया है जो...
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन की बहुत सी समस्याओं का हल बताया है। साथ ही उन्होंने उन नीतियों का जिक्र भी किया है जो मनुष्य को सुखद जीवन जीने में मदद कर सकती हैं। चाणक्य नीतियों का पालन करने वाले व्यक्ति के लिए जीवन की कठिनाइयों को पार करना आसान हो जाता है। इसी नीति शास्त्र में चाणक्य ने घर के मुखिया के लिए कुछ ऐसी बातों का वर्णन किया है जो उसे कभी नहीं भूलनी चाहिएं...
1. भाई के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें : चाणक्य नीति के अनुसार घर के मुखिया को अपने भाई-बंधुओं से अच्छे रिश्ते बनाए रखने चाहिए। क्योंकि यदि परिवार के मुखिया के अपने ही भाई से संबंध अच्छे नहीं होंगे तो सम्पूर्ण परिवार में तनाव का माहौल बना जाएगा। जिससे अलगाव कि स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए प्रेम रखते हुए मुखिया अपने छोटे या बड़े भाई से कोई धोखेबाज़ी न करे। इससे आप पूरे घर को एक डोर में बांधे रख सकेंगे।
2. अन्न का अपमान न करें : आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बच्चे वही सीखते हैं जो वो अपने बड़ों को करते देखते हैं। इसलिए घर के मुखिया को चाहिए कि वह कभी अन्न की बर्बादी न करे। क्योंकि अगर बच्चे आपको ऐसा करते देखेंगे तो वे भी अन्न का अपमान करने लगेंगे। जिससे घर से सुख-समृद्धि दूर हो जाएगी। बच्चों को सिखाएं कि वे भोजन उतना ही लें जितना खा सकें। और अगर भोजन बच भी जाए तो गरीबों में बांट दें।
3. सदस्यों से बात करें : परिवार के मुखिया का कर्तव्य होता है कि वह परिवार के हर सदस्य की समस्या को सुनकर उसका हल निकालने की कोशिश करे। इसके लिए आपको घर के सदस्यों को वक्त देना चाहिए और उनसे खुलकर हर मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए।
4. फिजूलखर्ची से बचें : चाणक्य नीति कहती है कि एक परिवार का मुखिया हमेशा अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करके चलता है। इसलिए उसे फिजूलखर्ची से जितना हो सके बचना चाहिए ताकि भावी पीढ़ी के लिए बचत हो सके और उनकी जरूरतों की पूर्ति हो सके।
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