चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति की आदतें ही उसे सफल और असफल बनाती हैं.गलत आदतें व्यक्ति को असफल और अच्छी आदतें व्यक्ति को सफलता और मान सम्मान प्रदान कराती हैं.
चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को सदैव अच्छी आदतों को अपनाने पर जोर देना चाहिए. जो लोग अच्छी आदतों को त्याग कर गलत आदतों को अपनाते हैं वे काफी सफल और सम्मान नहीं पाते हैं. गलत आदतें सिर्फ और सिर्फ व्यक्ति का अहित ही करती हैं. आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी बातें भी बताई हैं जिनको भूलकर भी नहीं अपनाना चाहिए. ये गलत आदतें कौन सी हैं आइए जानते हैं-
झूठ बोलना : चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को हमेशा सच बोलना चाहिए. सत्य का साथ देना चाहिए. सत्य कभी पराजित नहीं होता है. सत्य की हमेशा विजय होती है. वहीं हजो लोग थोड़े से लाभ के लिए झूठ का सहारा लेते हैं वे कभी सफलता नहीं पाते हैं, यदि उन्हें कुछ समय के लिए सफलता मिल भी जाए तो वो अधिक दिनों तक नहीं रहती है. झूठ का जब पता चलता है तो ऐसे लोगों को शर्मिंदा होना पड़ता है. ऐसे लोगों की छवि भी नकारात्मक होती है. इन पर सहज लोग विश्चास करने से डरते हैं. इसलिए झूठ से बचना चाहिए.
कड़वे वचन : चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को अपनी वाणी पर विशेष ध्यान देना चाहिए. शब्दों के चयन और भाषा शैली पर उचित ध्यान देना चाहिए. वाणी ऐसी बोलनी चाहिए जो लोगों को प्रभावित करें. कानों में रस घोले. जो लोग कड़वे वचन बोलते हैं. उन्हें सम्मान प्राप्त नहीं होता है. ऐसे लोगों को धन की देवी लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त नहीं होती है. मधुर वाणी बोलने वाले सभी के प्रिय होते हैं. इसलिए वाणी में मधुरता बनाए रखना चाहिए.
बुराई करने और सुनने से बचें : चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को निंदा रस से बचना चाहिए. यानि न तो किसी की बुराई सुननी चाहिए और न ही किसी की बुराई करनी चाहिए. जो लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं, उन्हें अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता है. ऐसे लोग नकारात्मक ऊर्जा से भरे रहते हैं. दूसरों की सफलता से जलते रहते हैं. बुराई सिर्फ बुराई को ही जन्म देती है. ये सफलता में सबसे बड़ी बाधा है. इससे दूर रहें.
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