फाल्गुन मास में कब है प्रदोष व्रत, जानें भोलेनाथ की पूजा का शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व

 


हर माह का त्रयोदशी भगवान शिव को समर्पित है. हर माह के दोनों पक्षों में इस तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है.फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 फरवरी को है.


हर माह की त्रयोदशी भगवान शिव को समर्पित है. हर माह के दोनों पक्षों में इस तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 फरवरी को है. इस दिन सोमवार होने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. इस भोलेशंकर के भक्त विधि-विधान से व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन मां पार्वती और भोलेशंकर की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष काल में की गई भगवान शिव की पूजा ज्यादा फलदायी होती है. आइए जानते हैं फाल्गुन माह के प्रदोष व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में.

प्रदोष व्रत 2022 तिथि और पूजा मुहूर्त : फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 28 फरवरी दिन सोमवार प्रात: 5:42 मिनट पर होगा और 1 मार्च तड़के 3:16 मिनट पर समाप्त होगा. उसके बाद से चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी.उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत 28 फरवरी को रखा जाएगा. 

फाल्गुन माह के सोम प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त शाम 6:20 मिनट से रात 8:49 मिनट तक है. इस दिन प्रदोष काल में करीब ढाई घंटे का समय पूजा के लिए मिल रहा है. इसमें आप शिव परिवार की पूजा विधि-विधान के साथ कर सकते हैं. 

सर्वार्थ सिद्धि योग में है प्रदोष व्रत : फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7:02 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 1 मार्च को सुबह 5:19 मिनट तक रहेगा. मान्यता है कि सोम प्रदोष व्रत रखने से संतान प्राप्ति का सुख मिलता है और साथ सभी कार्य पूर्ण होते हैं. 

सोम प्रदोष का महत्व : धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्रदोष व्रत करने और भगवान शिव की अराधना करने से भक्तों के दुख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस व्रत से परिवार में सुख-समृद्धि का विकास होता है. भोलेनाथ की कृपा से सभी कष्ट दूर होते हैं और निरोगी जीवन की प्राप्ति होती है. 

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.






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