रुद्राक्ष पहनने के बाद होने वाले लाभ के बारे में जानकर हिल जाएगा आपका दिमाग



रुद्राक्ष के बारे में अगर व्यक्ति ज्यादा नहीं जान रहा है तो इतना तो अवश्य जानता है कि रुद्राक्ष धारण करने वाला शिवभक्त है। रुद्राक्ष का सीधा संबंध भगवान भोलेनाथ से है। जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को भगवान भोलेनाथ शिव शंभू का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वही मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने से कई तरह के पापों का नाश हो जाता है। साथ ही कहा गया है कि रूद्राक्ष पहनने से शरीर के कई रोग नष्ट हो जाते हैं।

यहां पाया जाता है रुद्राक्ष : मुख्य रूप से रुद्राक्ष एक पेड़ होता है। इसके फल को भी रुद्राक्ष कहते हैं। यह मुख्य रूप से नेपाल, इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा एवं वर्मा के पहाड़ियों में पाया जाता है। रुद्राक्ष की उत्पत्ति के संबंध में कहा जाता है कि यह भगवान भोलेनाथ शिव शंभू के नेत्रों से गिरे आंसू से उत्पन्न हुआ है।

रुद्राक्ष की उत्पत्ति : बताया जाता है कि भगवान भोलेनाथ मानव कल्याण के लिए कई वर्ष तक घोर तपस्या की। इसके पश्चात जब भगवान भोलेनाथ ने अपने नेत्र खोलें उस समय अशोक की कई बूंदे पृथ्वी पर गिरी। यह अश्रु पृथ्वी पर रुद्राक्ष के रूप में अंकुरित हो गए।

मिलता है महादेव का आशीर्वाद : रुद्राक्ष के पेड़ की पत्तियां हरी होती हैं। वहीं फल भूरे रंग का होता है। यह स्वाद में खट्टे होते हैं। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से रुद्राक्ष को धारण करना बहुत ही शुभ बताया गया है। रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

रुद्राक्ष के हैं और भी कई फायदे :-

-कहा गया है कि रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति में आध्यात्मिक शक्तियां और आत्मविश्वास बढ़ता है। 

-भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए जाप में रुद्राक्ष की माला का उपयोग किया जाता है। 

-रुद्राक्ष की माला शिव भक्तों के साथ ही तांत्रिक एवं अघोर पंथ के लोग भी धारण करते हैं।

-रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के चेहरे पर अपने आप चमक आती है।

-रुद्राक्ष सिर दर्द, खांसी, लकवा, ब्लड प्रेशर तथा हृदय रोग से संबंधित परेशानियों को दूर करता है। 

-रुद्राक्ष धारण करने से से संबंधित अशुद्धियां दूर होते हैं। 

-आयुर्वेद में कहा गया है कि रुद्राक्ष धारण करने मात्र से शरीर को बल मिलता है।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

साभार- रीवा रियासत




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