पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए मौनी अमावस्या है खास, जरूर करें ये उपाय


माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. इस बार यह 1 फरवरी को पड़ने वाला है. मौनी अमावस्या पितृ दोष से छुटकारा और पितर का आशीर्वाद पाने के लिए बेहद खास माना जाता है.

वैसे तो पितरों के निमित्त पड़ने वाली अमावस्या का दिन खास माना गया है. लेकिन माघ मास की अमावस्या पितृ दोष से छुटकारा और पितर का आशीर्वाद पाने के लिए बेहद खास माना जाता है. माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. इस दिन पितर को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान और दान की परंपरा है. अन्य अमावस्या की तुलना में मौनी अमावस्या पितृ दोष के मुक्ति पाने के लिए खास है. इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी, 2022 को है. मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से पितृ दोष से छुटकारा मिल सकता है. ऐसे में जानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन कौन-कौन से उपाय करना चाहिए. 

पितृ दोष से मुक्ति के उपाय-1

मौनी अमावस्या के दिन चीटियों को आटे में शक्कर मिलाकर खिलाने से पितृ दोष दूर होते हैं. साथ ही मनोकामना भी पूरी होती है. मौनी अमावस्या के दिन जरुरतमंदों को काले तिल का लड्डू, तिल का तेल, कंबल, आंवला और काले वस्त्र दान स्वरूप दें. इससे पितृ दोष शांत होता है. माघ अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद काले तिल का दान करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. 

पितृ दोष से मुक्ति के उपाय-2

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए मौनी अमावस्या के दिन पितरों का स्मरण करते हुए भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. इसके अलावा लोटे में जल लेकर इसमें लाल फूल और काले तिल मिलाकर पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव के जल दें. साथ ही इस दिन पीपल के पेड़ में सफेद रंग की मिठाई चढ़ाकर पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें. 

पितृ दोष से मुक्ति के उपाय-3

घर की दक्षिण दिशा में सफेद वस्त्र और कुछ काले तिल रख दें. उसके ऊपर पीतल का तांबे का पितृ यंत्र की स्थापना करें. इसके बाद दाईं तरफ पितरों के लिए तिल के तेल का दीया जलाएं. एक लोटा जल भरकर केन्द्र में रखें. इसके ऊपर स्टील की प्लेट रखकर उसके ऊपर तिल लगी हुई रोटी रखें. रोटी के ऊपर तुलसी के पत्ते रखें. इस पर सफेद फूल चढ़ाकर चंदन का तिलक करें. इसके बाद रोटी को चार हिस्से में बांटकर इसे कुत्ते, गाय और कौवे को खिलाएं. साथ ही एक टुकड़ा पीपल के नीचे रखें. ऐसा करते वक्त मौन व्रत का ध्यान रखें. 



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