बीजेपी में आज शामिल हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण


लखनऊ: कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरुण रविवार को भाजपा में शामिल हो गए. यूपी भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई.

कहा जा रहा है कि असीम अरुण कन्नौज से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. अरुण कन्नौज के ही रहने वाले हैं. इस क्षेत्र में उन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान बना रखी है. अब चुनावी मैदान में वे उसी पहचान और अनुभव का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं. वैसे असीम अरुण के पिता स्वर्गीय श्रीराम अरुण उत्तर प्रदेश के दो बार डीजीपी रह चुके हैं.

असीम अरुण ने कहा कि मैं पार्टी के विचारों से जुड़कर आ रहा हूं. योगी राज में एक भी गुंडे के लिए मेरे पास भाजपा कार्यालय से फोन नहीं आया. मै प्रसन्न हूं, संतुष्ट हूं, लोकसेवा का मौका मिला है. यह एक ईश्वरीय संरचना है कि एक पुलिस वाले के बारे में एक शीर्ष नेतृत्व कल्पना करे. अरुण ने कहा कि राजनीति में आने का निर्णय आसान नहीं था. इस बारे में परिवार वालों से बात की कि एक तरफ नौकरी है तो दूसरी तरफ लोक सेवा करने का मौका है. मेरा प्रयास रहेगा कि जो मौका मुझे मिला है, मैं उसके अनुसार काम करुं.

उन्होंने कहा कि कभी किसी को छोड़ने, ढिलाई देने के लिए भाजपा कार्यालय या किसी नेता, मंत्री का फोन नहीं आया. मैं एटीएस प्रमुख था, तब मैंने बहुत अपराधियों को गिरफ्तार किया. मैं गांव से जुड़ा हूं और मेरा परिवार लगातार अपने गांव में सामाजिक कार्य करता है. उन्होंने कहा कि वंचित, दलित सम्मान के लिए अभी बहुत सारा काम बचा है. अगर मेरा योगदान उसमें होगा तो मैं खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा. 

शनिवार को भाजपा ज्वाइन करने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि ये बड़ी बात है कि मैंने भाजपा को नहीं, बल्कि पार्टी ने मुझे चुना है. कन्नौज से चुनाव लड़ने के सवाल पर असीम अरुण ने कहा कि मेरे अंदर लोक सेवा की क्षमता है, जिसे मैं प्रूफ कर सकता हूं. अब ये पार्टी का निर्णय होगा कि मुझे कहां और कैसे इस्तेमाल करना है. असीम ने कहा कि मैं अब राजनीति में आ चुका हूं और यहां भी मन से काम करुंगा.

स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि परिवार को इच्छा रहती है कि मेरा बेटा अधिकारी बने और समाज की सेवा करे. एक ईमानदार छवि दलित, शोषित, वंचितों के न्याय के लिए, उनके सम्मान के लिए, उनका शोषण न हो ऐसे असीम अरुण के पिता ने यूपी डीजीपी की तरह अपना जीवन व्यतीत किया. आज इसी रास्ते पर असीम अरुण पहुंचे हैं क्योंकि बीजेपी ने एक ईमानदार अधिकारी को चयन किया. उन्होंने मुझसे कहा कि हिंदुस्तान के अंदर भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जो राजनीतिक पार्टी होते हुए भी राजनीति नहीं करती है. स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि अरुण जब एटीएस के प्रभारी थे तब उन्होंने 45 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था.






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