साल के अंतिम दिन पड़ेगा शुक्र प्रदोष व्रत, जानें समय, पूजा विधि और लाभ


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इस साल का अंतिम प्रदोष व्रत कब पड़ेगा और क्या है इस व्रत को कारण का लाभ और पूजा विधि :-

हिन्दू धर्म की मानें तो प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत महीने में 2 बार पड़ते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत पर विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा की जाती है । साल 2021 का आखिरी प्रदोष व्रत 31 दिसंबर, शुक्रवार को पड़ेगा। शुक्रवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। 

शुक्र प्रदोष व्रत :

तिथि : 31 दिसंबर, 2021, शुक्रवार

पौष, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ : 31 दिसंबर 2021, प्रात: 10:39 बजे से 

पौष, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त : 1 जनवरी 2022, प्रातः 07:17 तक 

प्रदोष कालकाल : 31 दिसंबर 2021, सायं 05:35 से रात्रि 08:19 मिनट तक 

प्रदोष व्रत की पूजा विधि :

-प्रदोष व्रत के दिन स्नान-ध्यान आदि से निवृत्त होने के बाद पूजा घर में जल का छिड़काव करें। 

-इसके उपरांत अपने हाथ में धन, पुष्प, आदि रखकर विधि-विधान से प्रदोष व्रत करने का संकल्प लें।  

-प्रदोष वाले दिन भगवान शिव के मंत्र जप आदि करें। 

-इसके उपरांत सूर्यास्त के समय एक बार पुनः स्नान करें।  

-स्नान के बाद भगवान शिव का षोडशोपचार तरीके से पूजन करें।

-प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें। पूजा के बाद प्रसाद वितरित करने के बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण करें। 

शुक्र प्रदोष व्रत करने के लाभ : 

साल का अंतिम प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं। मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत को करने पर व्यक्ति को सौभाग्यशाली होने का वरदान प्राप्त होता है। उसे जीवन में किसी चीज का अभाव नहीं रहता है और उसके परिवार में हमेशा सुख और समृद्धि कायम रहती है। प्रदोष व्रत से सुख-समृद्धि, आजीवन आरोग्यता और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है, कार्य विशेष में सफलता प्राप्त होती है।

साभार- अमर उजाला




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