धैर्यवान स्त्री घर को स्वर्ग बना देती है। चाणक्य जी मानते हैं कि जो स्त्री धैर्यवान होती है, वह अपनी जिंदगी में कभी असफल नहीं होती।
संतोषी स्त्री : चाणक्य जी मानते हैं कि जो स्त्री संतोष रखने वाली होती है, वह शादी के बाद अपने पति का भाग्य बदल देती हैं। ऐसी स्त्री हर परिस्थिति में अपने पति का साथ देती हैं।
धैर्यवान स्त्री : धैर्यवान स्त्री घर को स्वर्ग बना देती है। चाणक्य जी मानते हैं कि जो स्त्री धैर्यवान होती है, वह अपनी जिंदगी में कभी असफल नहीं होती। धैर्यवान स्त्री व्यक्ति का भाग्य बदल जाता है। इसलिए चाणक्य जी मानते हैं कि जीवन में धैर्य का होना बहुत जरूरी है।
जो स्त्री क्रोध ना करे : क्रोध मनुष्य के विवेक का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। जो महिला बिल्कुल भी गुस्सा नहीं करती, उससे शादी करने वाला व्यक्ति बेहद ही भाग्यशाली होता है। चाणक्य जी का मानना है कि जिस घर में कोई क्रोध नहीं करता, उस घर में भगवान का वास होता है। ऐसे घरों में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आती।
मधुर वचन बोलने वाली स्त्री : चाणक्य जी मानते हैं कि जो व्यक्ति मीठा बोलती है, उसके घर में हमेशा लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए व्यक्ति को हमेशा मधुर वचन बोलने चाहिए। चाणक्य जी मानते हैं कि जिस स्त्री की वाणी मीठी होती है, उससे शादी करने वाले व्यक्ति की किस्मत बदल जाती है। ऐसी महिला घर का माहौल हमेशा खुशनुमा बनाए रखती है।
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