चाणक्य जी मानते हैं कि अन्न का दान करना सबसे बड़ा पुण्य का काम होता है। अन्न का दान करने और पानी पिलाने से आपको जरूरतमंदों की दुआएं लगती हैं।
महान अर्थशास्त्री और चतुर रणनीतिकार आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों को लेकर दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। चाणक्य जी के अनुसार खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हैं तो जिंदगी में कुछ सिद्धांतों और अनुशासन का साथ होना बेहद ही जरूरी है। कौटिल्य के नाम से मशहूर आचार्य चाणक्य ने चंद्र गुप्त मौर्य के मगध का सम्राट बनने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। माना जाता है की चाणक्य जी की नीतियों को अगर व्यक्ति अपनी जिंदगी में उतार ले तो उसका जीवन सुख और शांति से बितता है।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में 4 चीजों को सबसे ऊंचा दर्जा दिया है। चाणक्य जी के अनुसार यह चीजें दुनियाभर में सबसे ज्यादा ताकतवर होती हैं। इसलिए चाणक्य जी मानते हैं कि इन चीजों का व्यक्ति को हमेशा अपने जीवन में सम्मान करना चाहिए।
सबसे ऊंचा होता है मां का दर्जा : आचार्य चाणक्य के अनुसार पूरी दुनिया में गुरु और देवी-देवताओं से भी सबसे ऊंचा दर्जा मां का होता है। इसलिए मां को हमेशा सम्मान देना चाहिए। जो व्यक्ति अपनी मां को सम्मान देता है, अपनी जिंदगी में उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
अन्नादान : आचार्य चाणक्य मानते हैं कि अन्न का दान करना सबसे बड़ा पुण्य का काम होता है। अन्न का दान करने और पानी पिलाने से आपको जरूरतमंदों की दुआएं लगती हैं। इसलिए मनुष्य को हमेशा दान-पुण्य करते रहना चाहिए।
गायत्री मंत्र : आचार्य चाणक्य मानते हैं कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंत्र है, गायत्री मंत्र। इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को अपनी जिंदगी में शक्ति, लंबी उम्र और अपार धन-संपत्ति प्राप्त होती है।
एकादशी तिथि : चाणक्य जी ने एकादशी तिथि को सबसे ज्यादा पवित्र बताया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के सारे पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही एकादशी तिथि की पूजा करने से आपको अधिक फल प्राप्त होता है। साल भर में लगभग 24 एकादशी पड़ती हैं। इन सभी में कार्तिक महीने की देवउठनी एकादशी को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है।
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