चाणक्य नीति कहती है कि वैवाहिक जीवन सुखद, प्रसन्न और तनाव रहित होना चाहिए, जिससे अन्य कामों में मन लगा सके। वैवाहिक जीवन में सुखी व्यक्ति जल्दी सफलता हासिल करते हैं। जब व्यक्ति का जीवन दुख, चिंता और कलह से भरा होता है तो ऐसे लोगों का भाग्य भी साथ नहीं देता है। कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए व्यक्ति का दांपत्य जीवन सुखद बनाना बेहद जरूरी होता है। आचार्य चाणक्य ने वैवाहिक जीवन सुखद बनाने के लिए कुछ बातें बताई हैं, जिन्हें अपनाने से सुखद परिणाम प्राप्त होते हैं।
1. विचारों का करें आदान-प्रदान- चाणक्य कहते हैं कि दांपत्य जीवन में विचारों का आदान-प्रदान बहुत जरूरी होता है। जब पति-पत्नी एक-दूसरे से मन की बातें साझा करते हैं तो उनका रिश्ता और गहरा होता है। चाणक्य कहते हैं कि विचारों के आदान-प्रदान से जीवन की बड़ी से बड़ी समस्या हल हो जाती है।
2. एक-दूसरे का सम्मान- चाणक्य नीति कहती है कि एक-दूसरे का आदर करना बेहद जरूरी होता है। पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है। कहते हैं कि पति-पत्नी के बीच आदर सम्मान विश्वास को कायम रखता है।
3. अहंकार से रहें दूर- चाणक्य कहते हैं कि अहंकार किसी भी रिश्ते में कमजोर कर सकता है। पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम, विश्वास और समर्पण होना चाहिए। पति-पत्नी के बीच अहंकार आने पर समस्याएं जन्म लेने लगती हैं, जिसके आगे चलकर भयंकर नुकसान हो सकते हैं।
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