गरुड़ पुराण में है जिक्र, ये 6 आदतें जीवन में खड़ी कर सकती हैं परेशानियां

 


हिंदू धर्म में 18 पुराणों में से एक गरुड़ पुराण का भी विशेष महत्व है. कहते हैं कि गरुड़ पुराण में जीवन को जीने के सही तरीकों के बारे में बताया गया है.

हिंदू धर्म में 18 पुराणों में से एक गरुड़ पुराण का भी विशेष महत्व है. कहते हैं कि गरुड़ पुराण में जीवन को जीने के सही तरीकों के बारे में बताया गया है. जिनके नियमों का पालन करके हम अपने जीवन के सभी कष्टों को दूर कर सकते हैं. गरुड़ पुराण में नीति और नियम के अलावा यथार्थ से रुबरु कराया गया है. इसमें लिखी बातों का अनुसरण करके लोग अपने जीवन को सरल बना सकते हैं और सभी संकटों को दूर कर सकते हैं. 

धार्मिक ग्रंथ व्यक्ति को सही राह दिखाने के लिए हैं. अगर हम उनमें से कुछ बातों को भी अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं, तो जीवन की तमाम समस्याओं से छूटकारा पाया जा सकता है. गरुड़ पुराण एक महापुराण है. जिसमें जीवन को जीने से लेकर मृत्यु के बाद तक की स्तिथियों का वर्णन किया गया है. मान्यता है कि इस पुराण में कही बातों को भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ से कहा है. उन सभी बातों का जिक्र गरुड़ पुराण में किया गया है. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ गलत कामों के बारे में जिनकी वजह से आपके जीवन में परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं लेती. 

परेशानियों की वजह बनती हैं ये आदतें :

चिंता : गरुड़ पुराण में चिंता को चिता के समान बताया गया है. कहते हैं कि चिंता व्यक्ति के दिमाग को खोखला कर देती है. इतना ही नहीं, चिंता करने से दिमाग के सोचने-समझने की शक्ति कम हो जाती है और वे ऐसे में गलत निर्णय ले लेता है. इससे जीवन में परेशानियां और ज्यादा बढ़ जाती हैं. जीवन में कभी भी चिंता न करें. जो हो रहा है उसे भगवान पर छोड़ दें और अपने कर्म करते रहें. 

डर : किसी भी परेशानी का हल डर नहीं है. अगर आप किसी समस्या को सुलझाना चाहते हैं तो आपको उस डर कर सामना करना होगा न कि डर कर रहना होगा. अगर आपके अंदर किसी भी चीज को लेकर डर है तो आपकी परेशानी और बढ़ेगी. इसलिए भयमुक्त होकर जीवन की समस्याओं का सामना करना चाहिए. 

ईर्ष्या : किसी भी व्यक्ति की तरक्की या सफलता को देखकर ईर्ष्या करना व्यक्ति को अंदर ही अंदर जला देती है. ईर्ष्या के चलते व्यक्ति न तो खुद खुश रह पाता है और न ही जीवन में तरक्की कर पाता है. उस व्यक्ति का दिमाग सिर्फ दूसरों आगे बढ़ने से रोकने के लिए चलता है न कि खुद की तरक्की के लिए. ऐसे में वो अपना नुकसान करता है और जिंदगी भर पछताता रहता है. 

क्रोध : गरुड़ पुराण में कहा गया है कि व्यक्ति क्रोध में आकर कभी भी सही फैसला नहीं लेता और ऐसे में उसे दुख के सिवा और कुछ हाथ नहीं लगता है. ऐसे में व्यक्ति को अपने दिमाग को शांत रखना चाहिए.

आलस्य : आलस को व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन माना गया है. कहते हैं अगर व्यक्ति खूब बुद्धिमान है, लेकिन आलसी होगा, तो वे हाथ आए मौके भी गवां देगा. ऐसे में उसके हाथ कुछ नहीं आएगा. और जीवन भर परेशानियां उसे घेरे रहेंगी.  

नकारात्मक सोच : व्यक्ति की सोच भी उसकी तरक्की में महत्वपूर्ण रोल निभाती है. अगर आपका नजरिया की नकारात्मक होगा, तो व्यक्ति कभी कुछ सही नहीं देख पाएगा. हर चीज में उसे नकारात्मकता ही दिखाई देगी. ऐसे में परेशानियां जीवन भर पीछा नहीं छोड़ेंगी. 




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