चाणक्य नीति : जिसके पास होते हैं ये 3 सुख, उसे स्वर्ग की कोई कामना नहीं रहती

 


यदि आप आचार्य की बातों पर गौर करेंगे तो आपको उनकी बातें कठोर और थोड़ी कड़वी लग सकती हैं, लेकिन वास्तव में वो जीवन के यथार्थ से वाकिफ कराने वाली बातें हैं.


आचार्य चाणक्य कुशाग्र बुद्धि के धनी थे. वे अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र आदि के ज्ञाता थे, साथ ही उन्हें सामाजिक मामलों की भी गहरी समझ थी. आचार्य का जीवन बहुत कठिनाइयों में गुजरा, लेकिन उन्होंने अपने हर संघर्ष से प्रेरणा ली. जीवन भर आचार्य अपने अनुभवों के बल पर लोगों की मदद करते रहे और उन्हें सही राह पर चलने की प्रेरणा देते रहे. आचार्य ने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में ऐसी तमाम बातें लिखी हैं, जो आज भी लोगों के भविष्य को बेहतर बनाने में मददगार हैं.

यदि आप आचार्य की बातों पर गौर करेंगे तो आपको उनकी बातें कठोर और थोड़ी कड़वी लग सकती हैं, लेकिन वास्तव में वो जीवन के यथार्थ से वाकिफ कराने वाली बातें हैं. यदि आचार्य की नीतियों को व्यक्ति ठीक से समझकर अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें तो अपने जीवन को बहुत आसान बना सकते हैं. आइए जानते हैं आचार्य ने जीवन के सबसे बड़े सुख कौन से बताए हैं ? ये सुख जिस व्यक्ति के पास होते हैं, उसे फिर स्वर्ग की भी कामना नहीं रहती.

1. आचार्य का मानना था कि कलयुग में लोगों का सबसे बड़ा दुख उनकी संतान है. आज के समय में संतान अगर गलत मार्ग पर निकल जाए, माता पिता का कहना न माने, उनका अपमान करे, ये सबसे बड़े दुखों में से एक है. इसलिए यदि आपकी संतान आज्ञाकारी और संस्कारी है तो आपको स्वयं को भाग्यशाली मानना चाहिए और ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए. आपके बुढ़ापे में आपकी संतान ही आपका सहारा होती है. ऐसे लोगों के लिए धरती पर इससे बड़ा सुख और कोई हो ही नहीं सकता.

2. कहते हैं कि एक स्त्री घर को बना भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है. जिस व्यक्ति के पास संस्कारवान और आज्ञाकारी पत्नी हो, वो व्यक्ति संसार के श्रेष्ठ लोगों में से एक है. ऐसी पत्नी पूरे कुल को तार देती है और पूरे परिवार को बांधकर रखती है. पत्नी के अच्छे आचरण से पति का भी खूब मान बढ़ता है. ऐसी पत्नी अपने पति को किसी भी परिस्थिति में अकेला नहीं छोड़ती. ऐसे लोगों को हर पल प्रभु का शुक्रिया अदा करना चाहिए.

3. कहते हैं कि व्यक्ति को चाहे कितना कुछ मिल जाए, लेकिन अगर मन की शांति नहीं मिली, तो वो परेशान ही रहता है. इसलिए जिनके पास मन की शांति होती है, वे लोग जीवन में हर परिस्थिति को सरलता से गुजार देते हैं और संतुष्ट रहते हैं. आत्म संतुष्टि का गुण हर किसी को नहीं मिलता. इसलिए जिसके पास ये गुण है, उसके लिए ये धरती किसी स्वर्ग से कम नहीं है.




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