उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिक से अधिक वृक्षारोपण किये जाने की, की अपील।
लोक निर्माण विभाग कर रहा है हर्बल मार्गों का निर्माण।
वृक्षारोपण जन आंदोलन के रूप में चलाएं।
प्रत्येक व्यक्ति की वृक्षारोपण में हो सहभागिता।
उत्तर प्रदेश वृक्षारोपण में बना रहा है नए रिकॉर्ड।
पौधों और वृक्षों का पालन पोषण अपनी सन्तानो की तरह करें।
समग्र पर्यावरण को लाभ पहुंचाते हैं वृक्ष।
कृषि वानिकी अपनाएं , पर्यावरण को बेहतर बनाएं।
आओ मिलकर हम वृक्ष लगाएं, : श्री केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ, दिनांक 04 जुलाई 2021। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने श्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज लखनऊ स्थित लोक निर्माण विभाग की प्रयोगशाला में आयोजित वृक्षारोपण जन आंदोलन अभियान के अंतर्गत मा0 जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पौधारोपण किया।
वृक्षारोपण के बाद लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें, ताकि पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके। पर्यावरण संतुलन बनाये रखने हेतु हम सभी को अधिक से अधिक पौधे लगाने की आवश्यकता है।
उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर कहा कि प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन व तापक्रम में वृद्धि को नियंत्रित रखने में वनों का महत्वपूर्ण योगदान है। साफ सुथरा वातावरण हम सबकी जिम्मेदारी है। श्री मौर्य ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग अपने आस-पास वृक्षारोपण करने के साथ ही पौधों के संरक्षण का संकल्प लें, ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे।
मानव अस्तित्व व प्रकृति के लिये वनों का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है, प्रदेश में सघन वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। वृक्ष प्राणवायु (आक्सीजन )के प्राकृतिक स्रोत हैं। हमारी संस्कृति, सभ्यता व ज्ञान की नींव का निर्माण ऋषियों, मुनियों ने वनों में रहकर किया। श्री मौर्य ने कहा कि हम सब लोग वृक्षारोपण को अपने जीवन का अनिवार्य अंग बनायें और वृक्षारोपण में अधिक से अधिक जन-सहभागिता सुनिश्चित करें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लोक निर्माण विभाग को 9 लाख 60 हजार पौधे रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके क्रम में 10 लाख से अधिक पौधे रोपित विभाग द्वारा रोपित किये जायेंगे, इसके आलावा प्रदेश में वातावरण के प्रदुषण एवं बीमारियों से बचाव हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के किनारे ग्रीन पट्टी बनाकर पौधे लगाकर हर्बल मार्ग के रूप में विकसित किये जाने की इस वर्ष भी ठोस व प्रभावी रणनीति बनायी गयी है। लोक निर्माण विभाग द्वारा 15 अगस्त 2018 से हर्बल मार्ग बनाये जाने की महत्वाकांक्षी योजना का शुभारम्भ किया गया, जिसके तहत चयनित सड़कों के किनारे मासपर्णी, सप्तपर्णी, रतनजोत, जलनीम, छोटा नीम, सहजन, मेथा, लेमनग्रास, भृंगराज, मुई, आंवला, ब्राह्मी, तुलसी, अन्नतमूल, ग्वारपाठा, अश्वगंधा, हल्दी आदि के पौधे जो कई रोगों के निवारण में अत्यन्त उपयोगी हैं, रोपित किये जा रहे हैं। वर्ष 2018-19 में प्रदेश के सभी मण्डलों में 187 किमी0 की लम्बाई की सड़कों के किनारे लगभग 7 हजार पौधे रोपित किये गये। वर्ष 2020-21 में प्रदेश के प्रत्येक खण्ड में एक मार्ग का चयन कर उसे हर्बल मार्ग के रूप में विकसित करते हुये 175 मार्गों की लगभग 875 किमी0 की लम्बाई को हर्बल मार्ग के रूप में चयनित करते हुये लगभग 34 हजार पौधे रोपित कराये गये। कोशिश यह कि जा रही है कि कोरोना जैसी बिमारी से निजात दिलाने में सहायक उन हर्बल पौधों को लगाया जाय, जिनसे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो और पर्यावरण का संतुलन बना रहे।
श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा पौधों और वृक्षों का पालन पोषण अपनी संतानों की तरह करना चाहिए। कहा कि प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाया जा रहा है ।वृक्ष समग्र पर्यावरण को लाभ पहुंचाते हैं।
कहा कि आइए हम सब लोग मिलकर वृक्ष लगाएं और पर्यावरण को बेहतर बनाएं। प्रदेश सरकार द्वारा चलाये वृहद वृक्षारोपण अभियान पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष 30 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है, जिसके तहत आज 25 करोड़ पौधे लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि वानिकी अपनाकर बाढ़ व सूखे का डर भगाएं और लहलहाती फसलों को उगायें। कहा कि जल, जमीन, जंगल, वायु का जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है और पर्यावरण को बेहतर बनाने में वृक्ष और पौधे मदद करते हैं। हवा को शुद्ध करते हैं, पानी को संरक्षित करते हैं, जलवायु नियंत्रण में मदद करते हैं, मिट्टी की ताकत को बरकरार रखते हैं। समग्र पर्यावरण को वृक्ष लाभ पहुंचाते हैं। हमारा दायित्व है कि हम पेड़- पौधों का कटाव न होने दें और लोगों को वृक्षारोपण के प्रति प्रेरित करें। वृक्षों से फल, दवाइयां, लकड़ी सब्जियां आदि मिलती हैं। पेड़ों से प्राणवायु (आक्सीजन) मिलती है। ऑक्सीजन के बिना कोई मनुष्य, जीव -जंतु जीवित नहीं रह सकता। प्रदेश में आज वृक्षारोपण का नया रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। पिछले 4 साल में उत्तर प्रदेश में वनावरण व वृक्षावरण दोनों में वृद्धि हुई है।
बी0एल0 यादव,
सूचना अधिकारी।
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