माता-पिता के साथ जाती है बेटी : लड़कियों को उनके माता-पिता दुल्हनों की मंडी में लेकर पहुंचते हैं. इस मंडी में दुल्हन के तमाम खरीदार होते हैं, जो उसकी बोली लगाते हैं. जो सबसे ज्यादा की बोली लगाता है माता-पिता अपनी बेटी का रिश्ता उसके साथ तय कर देते हैं.
साल में 4 बार सजता है दुल्हनों का बाजार : बुल्गारिया की स्तारा जागोर (Stara Zagora, Bulgaria) नाम की जगह पर साल में चार बार दुल्हनों का बाजार सजता है. यहां आने वाले दूल्हे अपनी पसंद की दुल्हन खरीदकर उसे अपनी पत्नी बना सकते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक इन लड़कियों की उम्र मात्र 13 से 20 साल होती है.
ये समुदाय लगाता है दुल्हनों का बाजार : दुल्हनों का बाजार कलाइदझी समुदाय (Kalaidzhi Community) की ओर से लगाया जाता है और यहां कोई बाहरी शख्स दुल्हन खरीदने नहीं आ सकता. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समाज में फिलहाल करीब 18000 लोग हैं. कहा जाता है कि इस समुदाय की लड़कियों को भी इस परंपरा से कोई खास आपत्ति नहीं होती, क्योंकि उन्हें शुरू से ही इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार किया जाता है.
लड़की में होने चाहिए ये गुण : जानकारी के मुताबिक इस समुदाय के लोग अपनी बेटियों को 13-14 साल की उम्र के बाद स्कूल से निकाल लेते हैं. कहा जाता है कि दुल्हनों की मंडी में आने वाली लड़की को घर के काम आने चाहिए और वह कम उम्र की हो. यही कारण है कि यहां आने वाली ज्यादातर लड़कियां नाबालिग होती हैं.
इतने में होता है लड़कियों का सौदा : जब लड़के को लड़की पसंद आ जाती है उसके बाद सौदे की रकम तय की जाती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बाजार में लड़कियों का सौदा 300 से 400 डॉलर तक में होता है.
कई दिनों पहले शुरू हो जाती है तैयारी : दुल्हनों के बाजार में पहुंचने के लिए ये लड़कियां कई दिनों पहले से ही तैयारी शुरू कर देती हैं. ज्यादा पैसे मिलने के लिए उनका खूबसूरत दिखना बेहद जरूरी है. इसके लिए वो अच्छे कपड़े और मेकअप के साथ बाजार में आती हैं.
लड़की को पसंद करता है लड़का : बाजार में लड़की पसंद आने के बाद लड़का उसे पत्नी मान लेता है. इसके बाद दोनों के माता-पिता को इस शादी के लिए राजी होना पड़ता है. लड़के और लड़की के बीच घर-परिवार और आमदनी पर बातचीत होती है, फिर परिवारवाले शादी की रकम तय करते हैं और रिश्ता हो जाता है.
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