सावन के इस महीने में शिव और शक्ति दोनों की सम्मिलित रूप से पूजा की जाती है। सावन के महीने में भक्त रोजाना शिवजी का अभिषेक करते हैं और मां पार्वती का आशीर्वाद लेते हैं। सावन के हर सोमवार को व्रत रखा जाता है। इसके अलावा शास्त्रों में सावन के महीने को लेकर कुछ नियमों के बारे में बताया गया है। ये नियम खानपान के अलावा मनुष्य के आचरण को लेकर बताए गए हैं। आइए आपको बताते हैं सावन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। सावन में क्या करना सही सावन के महीने में हर सोमवार को व्रत रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभदायक है और धार्मिक दृष्टि से भी इसका काफी महत्व है। पूरे महीने के हर सोमवार को व्रत रखें। सावन के पूरे महीने में रोजाना शिवजी के मंदिर जाकर पूजा करनी चाहिए। व्रत रखने वाले लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का रोजाना कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
भगवान शिव की पूजा करते वक्त या फिर जलाभिषेक करते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करें। भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करने के साथ ही दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का पंचामृत बनाकर अभिषेक करें। हिंदू धर्म में रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। अगर आप भी इसे पहनने के बारे में सोच रहे हैं तो इसके लिए सावन का महीना सबसे अच्छा होता है। प्रत्येक सोमवार को सावन सोमवार व्रत कथा सुनें। इस कथा को भगवान शिव के पूरे वृतांत माना गया है।
सावन में क्या न करें सावन में मनोकामना पूर्ति के लिए इन उपायों को करने से दूर होंगी समस्याएं सावन के महीने में भूलकर भी शराब का सेवन न करें। सावन के महीने में अगर संभव हो तो दाढ़ी भी न बनाएं। सावन के महीने में घर-परिवार में हर प्रकार के झगड़े विवाद से दूर रहें। सोमवार के व्रत को भूलकर भी बीच में न तोड़े। ऐसा करना शास्त्रों में गलत माना गया है। अगर आप पूरे दिन व्रत नहीं कर सकते हैं तो एक समय फलाहार करके करें। सावन के महीने में भूलकर भी मांसाहार का प्रयोग न करें। सावन के महीने में अदरक, लहसुन और प्याज खाना भी सही नहीं माना जाता है। हो सके तो न खाएं। वहीं पुराणों के अनुसार इस पवित्र महीने में मूली और बैंगन को भी खाना अशुद्ध माना जाता है।
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