ममता बनर्जी को छोड़ना पड़ सकता है मुख्यमंत्री का पद, बुरे संकट में फंसी


अभी पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है और पूर्ण बहुमत की सरकार है इस बात में कोई भी संशय नही है लेकिन ये फ़िलहाल ममता सरकार नही है क्योंकि इस सरकार में मुख्यमंत्री के पद पर बैठी हुई ममता बनर्जी खुद एक विधायक नही है और ऐसे में अभी बंगाल सरकार के ऊपर संवैधानिक संकट के बादल लगातार मंडराने लग गये है जिसका अंत में परिणाम क्या होगा ये कोई भी नही जनता है. मगर इतना तो तय है कि इसके कारण से ममता बनर्जी की चिंता का स्तर अपने आप से ही बढ़ गया है.

अगर उत्तराखंड की तरह बंगाल में नही हो पाये उपचुनाव, तो छोडनी पड़ सकती है तीरथ सिंह रावत की तरह कुर्सी

आपको अभी हाल ही में उत्तराखंड में आया हुआ राजनीतिक संकट तो मालूम ही होगा जहाँ पर वहाँ के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री का पद इसलिए छोड़ना पड़ा क्योंकि वो सीएम बनने के बाद में भी अब तक उपचुनाव में जीतकर के एक विधायक नही बन पाए थे जो मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने के लिए जरूरी होता है. अब ऐसा ही कुछ नजारा बंगाल में भी देखने में आ रहा है.

अभी फ़िलहाल देश में करोना के केसेज घटे नही है और तीसरी लहर के आगमन की बाते भी हो रही है इसलिए बंगाल में हो सकने वाले उपचुनाव अधर में लटके हुए है जिनको लेकर के ममता बनर्जी को बस एक उम्मीद है कि अगर किसी तरह से ये उपचुनाव हो जाते है तो वो इनमे हिस्सा लेकर जीत जायेगी और जीतने के बाद में वो मुख्यमंत्री पद पर बनी रह सकेगी. हो सकता है ये चुनाव अगस्त में किसी तरह से प्रेशर में करवा लिए जाये लेकिन अगर उत्तराखंड की तरह आगे खिसकेंगे तो फिर दिक्कत हो जायेगी.

ऐसे में ममता बनर्जी को अपनी मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोडनी पड़ सकती है और अपने ही किसी टीएमसी के आदमी को सौंपनी पड़ेगी. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि ममता बनर्जी ने जब नंदीग्राम से सुवेंदु अधिकारी के सामने चुनाव लड़ा था तो वो अपनी विधायकी हार गयी थी.

साभार-POSTMAN NEWS




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