क्या है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन?
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) को आम बोलचाल की भाषा में नपुंसकता भी कहा जाता है. ब्रिटेन की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना (Corona) के बाद कई मामलों में पुरुषों को सेक्स (Sex) के दौरान या तो इरेक्शन बिलकुल नहीं हो रहा या फिर अगर होता भी है तो वे इरेक्शन को बरकरार नहीं रख पाते और वह कुछ सेकंड में ही खत्म हो जाता है. अमूमन इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या 40 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है लेकिन कोरोना संक्रमित हो चुके कम उम्र के पुरुषों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
क्या है नपुंसकता की वजह?
स्टडी के मुताबिक Covid-19 की वजह से Inflamed blood vessels की वजह से पुरुषों को इरेक्शन की समस्या हो सकती है. इस कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और सेक्सुअल पॉवर (sexual power) पर असर पड़ता है. डॉक्टरों का कहना है कि ऑक्सीजन का स्तर कम होना और कोशिकाओं को नुकसान और महामारी से संबंधित तनाव भी इसका प्रमुख कारण हो सकता है. एक स्टडी में पाया गया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) के जोखिम को 20 प्रतिशत तक बढ़ा देता है.
कोरोना काल में बढ़ी नपुसंकता की समस्या
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से दर्जनों संक्रमित पुरुषों के नपुंसकता से पीड़ित होने के मामले सामने आए. ब्रिटेन के क्लीवलैंड क्लिनिक के एक urologist डॉ रयान बर्गलंड ने कहा कोरोना के दौरान मायोकार्डिटिस - हृदय की मांसपेशियों की सूजन - इसका कारण हो सकता है लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए और अधिक रिसर्च और स्टडी की आवश्यकता है.
अन्य बीमारियों का कारण भी बन सकता है
मार्च में एक स्टडी में पाया गया कि जो पुरुष कोरोना से संक्रमित हुए उनमें नपुंसकता होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है, जबकि मई में एक अन्य स्टडी में सामने आया कि पुरुषों को ठीक होने में छह महीने लग सकते हैं. डॉ बर्गलुंड ने लॉस एंजिल्स टाइम्स को बताया: 'इस समस्या के प्रभाव को कमतर नहीं आंकना चाहिए इसकी गंभीरता ने संभवतः कई अन्य बीमारियों को 'जन्म' दिया है. कोविड के बाद इरेक्टाइल डिसफंक्शन किसी व्यक्ति को वायरस से संबंधित हृदय की समस्या भी हो सकती है.'
'ठीक होने के 6 महीने बाद भी Penis में वायरस'
डॉ बर्गलुंड ने कहा कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए अन्य कारण भी हो सकते हैं. कोरोना काल में कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है ऐसे लोग अधिक तनाव में हैं. रोम विश्वविद्यालय में 100 पुरुषों पर की गई एक स्टडी, जिनकी औसत उम्र 33 वर्ष थी, उनमें से 9 प्रतिशत को कोविड नहीं था उन्हें इरेक्शन की समस्या थी. लेकिन 28 प्रतिशत पुरुष जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे, उन्होंने भी यह समस्या थी. मियामी विश्वविद्यालय के डॉक्टरों ने वायरस से ठीक होने के छह महीने बाद दो पुरुषों के लिंग (Penises) में SARS-CoV-2 पाया. मियामी विश्वविद्यालय के डॉ जनिनी ने कहा कि वायरस और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बीच संभावित लिंक सही साबित होता है तो इससे बचने के लिए लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगवनी चाहिए.
(नोट- Zee News इन दावों की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए चिकित्सक की राय ही अंतिम और अहम है.)
साभार-Zee News
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