लोगों की ये 5 आदतें पहुंचा सकती हैं उनके लिवर को नुकसान, छोड़ने में ही है भलाई


एक्सपर्ट्स के अनुसार ज्यादा नमक खाने से लिवर की ब्लड वेसल्स में रक्त का प्रेशर बढ़ जाता है, इससे लिवर कमजोर होने लगता है

लिवर शरीर का प्रमुख अंग होता है जो खाना पचाने के बाद शरीर के दूसरे हिस्सों तक पोषक तत्वों को पहुंचाता है। ये एक ऐसा बॉडी पार्ट है जहां दिखाई न देने वाली चर्बी जमा हो सकता है। लिवर में अधिक फैट होने से लोगों को फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है। एक शोध के अनुसार, लगभग 25 प्रतिशत लोग फैटी लिवर की परेशानी का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों की कुछ गलत आदतें लिवर पर हानिकारक प्रभाव छोड़ती हैं। ऐसे में इस महत्वपूर्ण अंग को हेल्दी रखने के लिए लोगों को इनसे दूरी बना लेनी चाहिए।

ट्रांस फैट खाने से बचें : नॉन-वेज फूड्स में खासकर ट्रांस फैट पाया जाता है। ऐसे में स्वस्थ लिवर के लिए लोगों को पोल्ट्री, अंडे और डेयरी उत्पादों के अधिक सेवन से बचना चाहिए। बता दें कि हेल्दी ऑयल को जब ठोस रूप में बदलकर इस्तेमाल किया जाता है तो वो ट्रांस फैट कहलाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार लिवर इसे पचाने में असमर्थ होता है जिस वजह से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है और लिवर में भी फैट जमा होने लगता है। इससे लिवर सेल्स में सूजन आने का खतरा भी होता है।

छोड़ें शराब पीना : हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जो लोग शराब का सेवन करते हैं उनका लिवर इसकी टॉक्सिसिटी को कम करने में अपनी सारी एनर्जी वेस्ट कर देते हैं। इस वजह से लिवर अपने बाकी कार्यों को करने में सक्षम नहीं रह पाता है। ऐसे में लिवर में सूजन, सिरोसिस और फैटी लिवर का खतरा बढ़ता है।

चीनी का सेवन : स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज के मरीज जिनका शुगर लेवल अनियंत्रित रहता है, उनमें फैटी लिवर का खतरा ज्यादा होता है। इसके पीछे इंसुलिन रेजिस्टेंस जिम्मेदार होता है। ऐसे में ज्यादा चीनी का सेवन शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है।

अधिक नमकीन खाना : एक्सपर्ट्स के अनुसार ज्यादा नमक खाने से लिवर की ब्लड वेसल्स में रक्त का प्रेशर बढ़ जाता है। इससे लिवर कमजोर होने लगता है, ऐसे में कम नमक खाने की सलाह दी जाती है।

सप्लीमेंट्स और विटामिन : वर्तमान समय में कई लोग सप्लीमेंट्स और विटामिन्स का सेवन करते हैं, इनसे बचना चाहिए। इनके बजाय आप फल-सब्जियां जैसे नैचुरल सोर्सेज क सेवन करें।

साभार- जनसत्ता








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