हथेली पर तिलों का महत्व

 


अक्सर हम अपने शरीर के अलग अलग अंगों पर काला या लाल सा बिंदू देखते हैं जिसे हम तिल कहते हैं। शरीर के अंगो पर पाए जाने वाले तिल को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। कुछ लोग तिल को शुभ मानते हैं तो कुछ लोग तिल में अपना चमकता हुआ भाग्य तलाशते हैं।

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार किसी की भी हथेली पर पाए जाने वाले तिलों का अलग-अलग महत्व होता है। हथेली में विशेष जगह पाए जाने वाले तिल हमें यश और धन दिला सकते हैं तो कुछ खास जगह पर तिल हमें अपमान व संकट में भी ला सकते हैं।

हथेली में हर अंगुली के मूल स्थान के नीचे पर्वत होते हैं। इसी प्रकार हथेली में अन्य स्थानों पर ग्रहानुसार पर्वत होते हैं। 

*तिलों का अलग-अलग फल-*

 *गुरु पर्वत पर तिल* 

अगर किसी व्यक्ति के गुरु पर्वत पर तिल हो तो यह उसकी आर्थिक समृद्धि को दर्शाता है। ऐसे लोगों के विवाह में कुछ अड़चनें आ सकती हैं लेकिन खास बात ये है कि इनके जीवन की परेशानियां वक्त के साथ टल भी जाती हैं।

*शनि पर्वत पर तिल*

यदि शनि पर्वत पर तिल हो तो ऐसा व्यक्ति धनी होता है। इन लोगों को बिजली और आग से दूर ही रहना चाहिए। इनके जीवन में पैसे की कोई कमी नहीं होती है और ये अपना जीवन सुखी तरीके से जीते हैं।

 *सूर्य पर्वत पर तिल होना

हथेली पर सूर्य पर्वत पर तिल होने का मतलब है कि उस व्यक्ति को अपने जीवन में कभी अपमान का सामना करना पड़ सकता है।

 *शुक्र पर्वत पर तिल*

अगर किसी महिला या किसी पुरुष के शुक्र पर्वत पर तिल हो तो उसका अपने पति या पत्नी से विवाद रहता है। ऐसे लोगों को अपने वैवाहिक जीवन के बारे में निर्णय लेते समय बहुत ज्यादा सोच-विचार करना चाहिए। इन लोगों को वैवाहिक जीवन में संभलकर रहना चाहिए। 

*चंद्र पर्वत पर तिल*

चंद्र पर्वत पर तिल होने ये वह व्यक्ति धनी होता है। ऐसे लोगों को विदेश जाने का भी मौका मिलता है।

 *मंगल पर्वत पर तिल*

हथेली पर दो जगह मंगल पर्वत होता है। एक जीवन रेखा की उत्पत्ति के स्थान पर होता है। जिन लोगों की हथेली पर इस जगह तिल होता है उनके सिर में चोट लगने का डर रहता है। ऐसे लोग स्वभाव से भी थोड़े सख्त होते हैं। 

वहीं बुध के नीचे मंगल क्षेत्र में तिल हो तो उस व्यक्ति को संपत्ति की हानि होती है। इसका मतलब है कि मंगल पर्वत पर तिल होने से व्यक्ति को फायदे से ज्यादा नुकसान होता है।


*डाॅ.कुमुद मिश्रा*

 *सामाजिक कार्यकर्ता एवम उत्तरप्रदेश अध्यक्षा - श्री ब्रजेश्वरी सेवा संस्थान ,वृंदावन*


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