मकान किराए पर लेने और देने की प्रक्रिया हुई आसान–बढ़ेगा किराये की प्रॉपर्टी का मार्केट


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉडल

किरायेदारी कानून को दी मंजूरी

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  • नई दिल्ली
  • मकान किराए पर लेने और देने की प्रक्रिया को सरल और आसान करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉडल किरायेदारी कानून (मॉडल टेनेंसी एक्ट) को मंजूरी दी है. किरायेदार और मकान मलिक दोनों को समान अधिकार देने वाले इस कानून को सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी सुविधा के हिसाब से लागू कर सकेंगे।
  • केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इस नए कानून से पुरानी व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी. पगड़ी व्यवस्था पर भी असर नहीं पड़ेगा. पहले से जो लोग किराए पर रह रहे हैं या जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी किराये पर चढ़ा रखी है, उन पर भी यह लागू नहीं होगा. यह मॉडल कानून है और यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वह इसे अपने यहां लागू करें या ना करें.

             लिखित समझौता जरूरी

  • नए मॉडल कानून के तहत कोई भी व्यक्ति बिना लिखित समझौते के अपनी प्रॉपर्टी को न तो किराये पर दे सकेगा और न ही ले सकेगा. इसमें किराये की राशि को लेकर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं होगा. मकान मालिकों में प्रॉपर्टी को किराये पर देने के लिए ज्यादा भरोसा पैदा होगा. जो भी लिखित समझौता होगा उसे रेंट अथॉरिटी के सामने जमा करना होगा. यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों पर समान रूप से प्रभावी होगा.
  • इसके अलावा किरायेदार और मकान मालिक  के बीच विवाद होने पर तय समयावधि (60 दिन) में निपटारे की भी व्यवस्था बनाई गई है. किरायेदार को प्रॉपर्टी को किसी और को किराये पर देने से पूर्व मकान मालिक की अनुमति लेनी जरूरी होगी. वहीं अनुमति के बगैर वह प्रॉपर्टी में निर्माण संबंधी बदलाव नहीं कर सकेगा. विवाद की स्थिति में भी किरायेदार को किराया देना होगा. इस दौरान उसे प्रॉपर्टी खाली नहीं करनी होगी. किसी बड़ी घटना की स्थिति में भी मकान मालिक को किरायेदार को एक महीने तक बने रहने की अनुमति देनी होगी।

        बढ़ेगा किराये की प्रॉपर्टी का मार्केट

  • प्रापर्टी से जुड़ा काम करने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि नया कानून देश में किराये से संबंधित पूरे कानूनी ढांचे में बड़ा बदलाव करेगा, जिससे देश में किराये पर दी जाने वाली प्रॉपर्टी में तेजी आएगी इससे किराये की प्रॉपर्टी का मार्केट भी बढ़ेगा, इसका उद्देश्य सभी आय वर्ग के लोगों को आवास उपलब्ध कराना है. इस कानून का एक फायदा यह भी होगा कि प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री पूरी तरह कानूनी दायरे में होगी. इससे प्रॉपर्टी पर कब्जा करने या मकान मालिक द्वारा किरायेदार की प्रताड़ना की घटनाएं भी नहीं होंगी।
साभार-ACT INDIA NEWS




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